
अतुल शुक्ला, जबलपुर। रेलवे की सबसे आधुनिक और तेज रफ्तार ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस जल्द ही जबलपुर रेल मंडल को मिलने जा रही है। इसके लिए मंडल प्रबंधन ने सभी तैयारी पूरी कर ली है। अभी इस ट्रेन का रूट तय नहीं किया गया है, जिस वजह से इन रैकों के आने में देरी हो रही है। हालांकि, ट्रेन के आधुनिक कोचों के मेंटेनेंस के लिए रीवा स्टेशन पर कोचिंग डिपो बनाया जाएगा, जिसके लिए जगह और इससे जुड़ी तैयारी अंतिम चरण में है। जल्द ही यहां पर कोचिंग डिपो बनाने का काम भी शुरू हो जाएगा। वंदे भारत एक्सप्रेस के एक रैक में 11 कोच हैं। सभी कोच चेयरकार हैं यानी कोच में चेयर हैं, जिसमें बैठकर यात्री को अपना सफर तय करना होगा।
तीन मंडल में बनेंगे तीन कोचिंग डिपो
पश्चिम मध्य रेलवे के तीन मंडल जबलपुर, भोपाल और कोटा को तीन वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक मिलने हैं। रैक आने से पहले इनके मेंटनेंस के लिए तीनों मंडल में कोचिंग डिपो बनाने के लिए तीन स्टेशनों का चयन कर लिया गया है। जबलपुर रेल मंडल में जहां रीवा स्टेशन को चुना गया है तो वहीं भोपाल मंडल में कमलापति स्टेशन और कोटा मंडल में कोटा स्टेशन के पास कोचिंग डिपो बनाया जाएगा। यहां पर वंदे भारत के आधुनिक कोचों की सफाई से लेकर मेंटेनेंस को काम होगा। इसके लिए कोचिंग डिपो के अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाना।
रूट तय नहीं कर पा रहा रेलवे
पश्चिम मध्य रेलवे के तीनों मंडल को वंदे भारत के तीन रैक दिए जाने हैं, लेकिन अभी तीनों मंडल में रूट तय नहीं किया गया है। सूत्रों के मुताबिक जबलपुर रेल मंडल ने यह ट्रेन रीवा से निजामुद्दीन के बीच चल सकती है। वहीं, भोपाल मंडल में इस ट्रेन को कमलापति स्टेशन से निजामुद्दीन के बीच चलाने की तैयारी है, लेकिन अभी तक रेलवे ने इस रूट की घोषणा नहीं की है। सूत्र बताते हैं कि रूट तय करने में रेलवे के साथ जनप्रतिनिधियों का दबाव भी है। हर कोई इस ट्रेन को अपने क्षेत्र से चलाने पर दबाव बना रहा है। यही हाल जबलपुर मंडल में ही है। इस वजह से रेलवे रूट तय करने में पीछे हट रहा है।
आठ घंटे का सफर, आराम से हो
रेलवे से जुड़े जानकार बताते हैं कि वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक में 11 कोच हैं, जो सभी चेयरकार हैं। इस वजह से ट्रेन में सफर करने वाले यात्री को पूरा सफर बैठकर ही तय करना होगा। इस वजह से रेलवे इस ट्रेन को ऐसे रूट पर चलाना चाहता है, जिसका सफर कम से अधिकतम सात से आठ घंटे का हो। सूत्रों की माने तो इतने समय में जबलपुर से निजामुद्दीन पहुंचना मुश्किल है। हालांकि, इस समय अंतराल में कटनी या रीवा स्टेशन से निजामुद्दीन पहुंच जा सकता है। यही वजह है कि इस ट्रेन के कोच मेंटनेंस के लिए रीवा स्टेशन का चयन किया गया है। हालांकि, रेलवे अभी ट्रेन के रूट बताने से बच रहा है।
00
मंडल के संभावित रूट
- कटनी से निजामुद्दीन
- दमोह से निजामुद्दीन
- रीवा से निजामुद्दीन
- सतना से निजामुद्दीन
00
ऐसे हैं इस ट्रेन के कोच
- रेलवे द्वारा भारत में तैयार की गई वंदेभारत ट्रेन के कोच सुरक्षित और सर्वसुविधा से युक्त हैं
- रैक में 11 कोच हैं, जिसमें स्वचलित दरवाजे हैं, जो स्टेशन आने पर ही खुलते हैं
- रैक में लगी कुर्सी आरामदायक है और यह रैक पूरी तरह से वार्तानुकूलित है।
- इन रैक में यात्रियों के लिए पीने के पीने से लेकर खाने तक की व्यवस्था रखी है
- कोच में कैमरे लगे हैं, जिससे सफर और सुरक्षित बन जाता है
- रैक के दोनों ओर इंजन है, जिससे इसमें इंजन नहीं बदलना पड़ता।
यहां बनाया जाएगा कोचिंग डिपो
वंदे भारत एक्सप्रेस के रैक का मेंटेनेंस करने के लिए रीवा, कमलापति और कोटा में कोचिंग डिपो बनाया जाना है। इस ट्रेन का तीनों मंडल में अभी रूट तय नहीं किया गया है। -राहुल जयपुरिया, सीपीआरओ, जबलपुर रेल मंडल