अतुल शुक्ला, जबलपुर नईदुनिया । प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी होने के बाद वेटरनरी विभाग के साथ वेटरनरी विवि भी हरकत में आ गया है। उनके सामने उन 4 हजार मुर्गियों की सुरक्षा चुनौती बन गई है, जिन पर सालों से रिसर्च चल रही है। कड़कनाथ से लेकर नर्मदा निधि समेत ऐसे तकरीबन आधा दर्जन ,मुर्गे, मुर्गियों की सुरक्षा को देखते हुए वेटरनरी डॉक्टरों की टीम बना दी गई है।
इधर जबलपुर समेत महू और रीवा वेटरनरी कॉलेज के फार्म को रेड जोन घोषित कर दिया है, जहां पर किसी भी बाहर व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही विवि के अपने सभी पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले रिसर्च एक्सपर्ट के प्रवेश से पहले उनकी पूरी जांच करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
टीम 24 घंटे निगरानी रखेगी : विवि के कुलपति प्रो.एसपी तिवारी ने कहा है कि विवि में मुर्गियों की प्रजातियों के साथ अंडे को विकसित करने पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से लेकर प्रदेश स्तर के अनुसंधान पर काम किया जा रहा है। विवि की पोल्ट्री फार्म एक्सपर्ट की टीम इन अनुसंधानों पर सालों से जुड़ी है, लेकिन प्रदेश में बर्ड फ्लू की संभावना को देखते हुए मुर्गियों को इंफेक्शन से बचाने के लिए विवि ने भी अपने सभी फार्म और कॉलेज के लिए गाइडलाइन जारी की है। इसका पालन अनिवार्य तौर पर किया जाए, इसके लिए एक टीम बनाई है, जो इस पर 24 घंटे निगरानी रखेगी।
इन मुर्गियों पर चल रही रिसर्च :
- क्रासब्रेड कड़कनाथ
- नर्मदा निधि
- कलर बर्ड
यह कदम उठाए गए :
- फार्म पर बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी है
- मुर्गियों के स्वास्थ्य,व्यवहार पर निगरानी रखी जा रही है
- रिसर्चर, कर्मचारियों को जांच के बाद ही प्रवेश मिल रहा है
- निर्धारित तापमान में रखा जा रहा है
- आधुनिक मशीन की मदद से चूजों के प्रजनन पर ध्यान रखा जा रहा
- बाहरी पक्षी फार्म पर न बैठे, इसलिए दो-तीन घंटे में टीन बजा रहे
- अंडे, मुर्गी की ब्रिकी पर रोक लगा दी गई है
वर्जन
प्रदेश में बर्ड फ्लू की संभावना को देखते हुए एहतियातन कदम उठाएं गए हैं। बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दी है। मुर्गी की उन प्रजातियों पर खास निगरानी रखी जा रही है, जिन पर रिसर्च चल रही है।
प्रो.एसपी तिवारी, कुलपति, वेटरनरी विवि जबलपुर