जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं है। समय रहते उपचार करने से यह पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इतना ही नहीं कुष्ठ रोग के कारण शरीर के अंगों में आई विकृति, अपंगता को भी दूर किया जा सकता है। किसी मरीज के शरीर पर जहां कुष्ठ रोग के दाग होते हैं वहां पसीना नहीं आता। कुष्ठ रोग को लेकर लोगों को भ्रांतियां नहीं पालनी चाहिए। यह कोई दैवीय प्रकोप नहीं बल्कि एक बीमारी है जो कि हवा के जरिए फैलती है। यह बीमारी धीमी गति से सक्रिय होने वाले बैक्टीरिया से फैलती है जिसके लक्षण सामने आने में कई बार वर्षों लग जाते हैं। बैक्टीरिया का संक्रमण मुख्य रूप से हाथ, पैर, त्वचा, नाक की ऊपरी परत व नसों काे प्रभावित करता है। जिसके कारण मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। समय से उपचार न करने पर कुष्ठ शारीरिक विकृति व दिव्यांगता का कारण बन जाता है। उक्त जानकारी देते हुए नईदुनिया के हेलाे डाक्टर कार्यक्रम में अस्थि रोग विशेषज्ञ व जिला कुष्ठ अधिकारी डा. नवीन कोठारी ने लाेगाें के सवालों के जवाब दिए। डा. कोठारी से जिले के नागरिकों ने फोन पर संपर्क किया और अपनी शंकाओं का समाधान पाया। डा. कोठारी ने जोर देकर कहा कि कुष्ठ लाइलाज नहीं है।
सवाल-मेरी जांघ की अंदरूनी त्वचा नाजुक हो गई है, यह कुष्ठ रोग तो नहीं।- अजय कुमार, करमेता
जवाब-कुष्ठ के कारण त्वचा का रंग बदल जाता है। प्रभावित त्वचा में सुन्नपन आ जाता है। जांघ की त्वचा नाजुक होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं। विक्टोरिया अस्पताल में शाम चार बजे तक कुष्ठ रोग विभाग में संपर्क कर सकते हैं। जहां कुष्ठ की जांच व उपचार की बेहतर सुविधा मौजूद है।
सवाल-मेरे दादाजी की उम्र 65 वर्ष है, क्या इस उम्र में भी कुष्ठ हो सकता है। शरीर के किस अंग में यह फैलता है।
नीलकांत, कटंगा
जवाब-कुष्ठ किसी भी उम्र में हो सकता है। शरीर के किसी भी अंग को कुष्ठ प्रभावित कर सकता है। हाथ, पैर, आंख, कान, नाक, त्वचा, मांसपेशियां, नसें इस प्रकार कोई भी अंग कुष्ठ रोग की चपेट में आ सकता है।
सवाल-कुष्ठ छुआछूत की बीमारी तो नहीं है। इसकी पहचान कैसे करें।-अनिल भारद्वाज, त्रिमूर्ति नगर
जवाब-कुष्ठ छुआछूत की बीमारी नहीं है। यह हवा में मौजूद बैक्टीरिया से फैलता है। ये बैक्टीरिया हवा में बीमार व्यक्ति से ही आते हैं। परंतु कुष्ठ रोगी से हाथ मिलाने, उसे छूने आदि से बीमारी नहीं फैलती है। कुष्ठ होने पर त्वचा पर गर्म, ठंडे पानी का असर खत्म हो जाता है।
सवाल-कुष्ठ प्रभावित अंग में दर्द का एहसास होता है अथवा नहीं।-सुमित कुमार, सिहोरा
जवाब-कुष्ठ के कारण शरीर पर सफेद चकत्ते जैसे निशान पड़ जाते हैं। सफेद चकत्तों में किसी प्रकार का सेंसेसन नहीं होता है। यदि उक्त त्वचा पर सुई चुभो दें तो दर्द का पता नहीं चलता है। समय रहते उपचार न कराने के कारण धब्बे पूरे शरीर में फैल सकते हैं।
सवाल-कुष्ठ वंशानुगत बीमारी तो नहीं, यदि माता-पिता को है तो क्या बच्चों को भी हो सकती है।अर्जित कुमार, चांदमारी
जवाब-कुष्ठ वंशानुगत बीमारी है, ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह संक्रमण की चपेट में आने से होता है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस बीमारी को लाइलाज मानते हैं। जबकि यह पूरी तरह ठीक की जा सकती है। कुष्ठ से सदैव के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।
सवाल- क्या नाक से खून बहना भी कुष्ठ का लक्षण हो सकता है।- पूजा कुमारी, माढ़ोताल
जवाब-नाक बंद होना, नाक से खून बहना भी कुष्ठ का लक्षण हो सकता है। त्वचा संबंधी लक्षणों में सूखापन, सूजन, जलन महसूस होना, पैरों में दर्द रहित अल्सर, घावों के आसपास की त्वचा मोटा होना, चेहरे या ईयरलोब की गांठ पर सूजन भी इसके लक्षण हैं। संवेदना खत्म होने पर ऐसे लक्षण प्रकट होते हैं।
सवाल-सरकारी तौर पर जिले में कुष्ठ रोग उपचार की क्या सुविधा है।-रामसनेही, बघराजी
जवाब-विक्टोरिया अस्पताल में कुष्ठ रोग के उपचार के समग्र व्यवस्था है। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत मरीजों की खोज, जांच, उपचार व आपरेशन किए जाते हैं। आपरेशन से शारीरिक विकृति दूर की जाती है। जबलपुर समेत प्रदेश के कई जिलों के मरीज विक्टोरिया अस्पताल में आपरेशन कराने आते हैं।