जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। विश्वविद्यालय व्यवसायिक अध्ययन व कौशल विकास संस्थान, विज्ञान भवन द्वारा तीन दिवसीय विश्व युवा कौशल दिवस के तीसरे दिन का आयोजन किया गया। जहां अध्यक्षता रादुविवि कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने की। कुलपति प्रो. मिश्र ने कहा कि युवाओं व छात्र-छात्राओं के स्वावलंबन व आत्मनिर्भरता के लिए अहर्निष रूप से तकनीकी कौशल के साथ-साथ व्यवहारिक कौशल भी विकसित किया जाए। क्योंकि जिस हाथ में हुनर व कौशल है उसका विकास निश्चित है। कोशल की शक्ति से सब कार्य संभव होते है। विभिन्न सर्टिफिकेट, डिप्लोमा कोर्स के माध्यम से स्किल, री-स्किल व अप -स्किल करने की आवश्यकता पर कार्य किए जाएंगे।
मुख्य अतिथि राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज के कुलपति प्रो. अखिलेश सिंह ने कहा कि कौशल और कौशल्य का विकास हर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। जिसमें कम्युनिकेशन स्किल, मैनेजमेंट स्किल, क्रिएटिव थिंकिंग, इंट्रेस्ट द्वारा छात्र-छात्राओं में उनकी रुचि व विषयानुसार कौशल की की दक्षता को बढ़ावा देना प्रमुख है। आज के परिप्रेक्ष्य में छात्र-छात्राओं में अभिप्रेरणा के विकास की अतीव आवश्यकता है। साथ ही रीडिंग, राइटिंग और स्पीकिंग के प्रशिक्षण को व्यवहारिक स्वरूप प्रदान कर प्रशिक्षण प्रदान करने की महत्तवता को बढ़ाना होगा।
तकनीकी विषेशज्ञ मो. तारिक ने तकनीकी सत्र में व्यवसायिक व औद्योगिक विकास में ज्ञान संवर्धन के साथ बिहेवियरल एप्रोच व व्यवहार ज्ञान संवर्धन की तकनीकी को समझाया। साथ ही बताया कि एक एंटरप्रेन्योर में उद्देश्य, गोल सेटिंग, स्ट्रेटजी मेकिंग मैप, समर्पण व कर्तव्यनिष्ठा आवश्यक है। इतना ही नहीं खुशी से किए जाने वाले कार्य के सफल होने की पूरी रणनीति को क्रियान्वित करना भी जरूरी है। एंटरप्रेन्योर में सामाजिक आवश्यकताओं को उत्पन्न करने के तरीके, टीम वर्क काफी मददगार होते हैं।
संयोजक प्रो. सुरेंद्र सिंह ने अतिथि परिचय दिया और कहा कि कौशल व हुनर को तराशना ही विश्व युवा कौशल दिवस का उद्देश्य है। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अजय मिश्रा व संचाल डॉ. मीनल दुबे ने किया।
इस आनलाइन आयोजन में डॉ. संजय तिवारी,डॉ. रीता भंडारी, डॉ. राम कुमार रजक, डॉ. दिलीप हजारी, डॉ. मनोज यादव, प्रो. मुकुल तिवारी,डॉ. जितेंद्र यादव, डॉ. विकास सिंह व अनय सदस्य उपस्थित रहे।