
नईदुनिया प्रतिनिधि, झाबुआ। जनजातीय क्षेत्र में होने वाला मतांतरण राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय है।शुक्रवार को इस तरह के एक मामले में झाबुआ के न्यायालय से बड़ा फैसला आया है। मतांतरण करवाने के आरोप में बिशप सहित उनके एक सहयोगी को चार -चार साल की सजा और 50-50 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। दोनों आरोपितों ने 2023 में मुंडत थाना कल्याणपुरा के एक आदिवासी युवक पर मतांतरित होने का दबाव बनाया था।
अपर लोकअभियोजक राकेश जोशी ने बताया कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा पांच के तहत बिशप पाल पुत्र बापू मुनिया 49 निवासी खुटाया थाना कल्याणपुरा और उनके सहयोगी पीथा पुत्र सड़िया भूरिया 57 निवासी मुंडत को चार -चार साल की सजा और 50-50 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
यह फैसला शुक्रवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आरके शर्मा के न्यायालय से पारित हुआ है।जबरन चर्च बुलवा रहे थेमुंडत के आवेदक कैलाश पुत्र कलसिंह भाबर ने पुलिस को शिकायत की थी कि पीथा और बिशप मुनिया ने 25 सितंबर 2022 को उसे चर्च ले जाकर मतांतरित होने के लिए दबाव बनाया था।
उस पर जल छिड़काव किया गया,उसे क्रॉस व बाइबल दी गई और उपचार का प्रलोभन दिया गया।उसे हर रविवार को चर्च आने का बोला गया।जब वह नहीं गया तो 11 जनवरी 2023 को घर आकर आरोपित ने उस पर नियमित चर्च आने का दबाव बनाया।उसने अपने साथियों को यह बात बताई और 12 जनवरी को उसने कल्याणपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।