
नईदुनिया प्रतिनिधि, झाबुआ। मध्य प्रदेश की झाबुआ पुलिस ने बुधवार को अवैध क्लीनिक संचालन के मामले में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद निवासी मोहम्मद इरफान को गिरफ्तार किया है। वह शहर के कैलाश मार्ग स्थित क्लीनिक पर प्रति बुधवार इलाज करने आता था। बोर्ड पर डाॅक्टर का नाम राना दर्ज है, जबकि आधार कार्ड पर उसका नाम मोहम्मद इरफान लिखा है। क्लीनिक में चार अलग-अलग डिग्रियां भी मिली हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार यहां उपचार करवाने कोई नहीं आता था। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी दूर से उसके झाबुआ आने का कारण क्या है? गुप्त रोगों का इलाज, बिना दवा शराब छुड़ाने का दावा इरफान द्वारा गुप्त रोगों के निदान एवं बिना दवा शराब छुड़ाने का दावा किया जाता था।
शिकायत मिलने पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी देवेंद्र भायल के नेतृत्व में चिकित्सा अधिकारी डा. विजेंद्र बारिया, प्रेम डेनियल, फार्मासिस्ट शंकर अजनार सहित टीम ने जांच की, जहां बीईएमएस, यूनानी, आयुर्वेदिक आदि की अलग-अलग नामों से डिग्रियां मिली हैं, लेकिन क्लीनिक संचालक के नाम वैध चिकित्सकीय डिग्री नहीं मिली। क्लीनिक सील कर दी गई है।
शहर के कैलाश मार्ग पर डाक्टर राना के नाम से संचालित एक निजी क्लिनिक की शिकायत मिलने पर जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार 17 दिसंबर को दोपहर करीब एक बजे उसका आकस्मिक निरीक्षण किया।
जांच में सामने आया कि क्लिनिक किसी अन्य के नाम से पंजीकृत है, जबकि उसका संचालन कोई और व्यक्ति कर रहा था। साथ ही क्लिनिक संचालक के नाम से वैध चिकित्सकीय डिग्री भी नहीं पाई गई। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने दवाखाने को सील कर दिया तथा संचालक के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कैलाश मार्ग पर डाॅक्टर राना के नाम से दवाखाना खोलकर मो. इरफान द्वारा गुप्त रोगों के निदान एवं बिना दवा शराब छुड़ाने का बोर्ड लगाकर उपचार करने का दावा किया जा रहा था। शिकायत मिलने पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र भायल के नेतृत्व में चिकित्सा अधिकारी विजेन्द्र बारिया, प्रेम डेनियल, फार्मासिस्ट शंकर अजनार सहित टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की।
जांच में पाया गया कि क्लिनिक का संचालन राना के बजाय इरफान कर रहा था। डिग्रियों की जांच में बीईएमएस, यूनानी, आयुर्वेदिक आदि की डिग्रियां अलग-अलग नामों से पाई गईं। आधार कार्ड में पता गाजियाबाद (उत्तरप्रदेश) का होना भी सामने आया।
पूरी तरह फर्जी तरीके से दवाखाना संचालित कर मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किए जाने को दृष्टिगत रखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने क्लिनिक को सील कर दिया तथा डिग्रियां जब्त कीं।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी भायल ने बताया कि बुधवार शाम को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मो. इरफान के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले में अवैध दवाखानों एवं चिकित्सालयों के संचालन पर आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।