'तप की आराधना नहीं कर
सकते तो अनुमोदना करें'
-मासखमण तपस्वियों का समारोहपूर्वक बहुमान
पेटलावद। नईदुनिया न्यूज
जो तपे हैं तप के ताप से, मुक्ति उसी को मिलती है। मासखमण की तपस्या कठिन तपस्या है। सभी सुख और अनुकूलताएं होते हुए देवता भी यह तप नहीं कर सकते है। अगर हम तप की आराधना नहीं कर सकते है तो तप की अनुमोदना करें। अनुमोदना करने से तप करने की शक्ति प्राप्त होती है। तपस्या करने वाले धन्य है कि उन्होंने कर्मों की निर्जरा और अपनी आत्मा को निर्मल बनाने के लिए 31 उपवासों की तप आराधना की।
यह बात स्थानक भवन में विराजित संत संदीपमुनिजी ने अनिता नरेंद्र भंडारी और करुणा पारस भंडारी के 31 उपवास मासखमण की तपस्या की पूर्णता के अवसर पर अभिनंदन समारोह के लिए आयोजित धर्मसभा में कही। उन्होंने कहा कि हम तपस्वी के गुणगान कर यही मंगल भावनाएं भाएं कि वे अपने जीवन पथ पर इसी तरह धर्म आराधना कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करें। इस अवसर पर नवयुवक मंडल और भंडारी परिवार की बहनों ने स्तवनों की प्रस्तुति के साथ तपस्वियों का बहुमान किया। धर्मसभा में पूर्व संघ अध्यक्ष शांतिलाल चाणोदिया ने कहा कि गुरु भगवंतों की प्रेरणा से आपने जो तप किया है, वह आत्मकल्याणकारी बने। स्वाध्यायी सोहनलाल चाणोदिया ने कहा कि सम्यक तप से ही आत्मा का उद्घार होता है। संघ की ओर से अध्यक्ष नरेंद्र कटकानी, उपाध्यक्ष सुरेशचंद्र सोलंकी, सचिव जितेंद्र कटकानी, कोषाध्यक्ष नरेंद्र भंडारी, पूर्व संघ अध्यक्ष चाणोदिया, पूर्व सचिव जितेंद्र मेहता तथा तेरापंथ समाज के अध्यक्ष झमकलाल भंडारी ने अभिनंदन पत्र भेंट करके तपस्वियों का बहुमान किया। अनिता नरेंद्र भंडारी की तपस्या का बहुमान अक्षत भंडारी ने 13 उपवास की तपस्या की बोली से किया। करूणा पारस भंडारी की तपस्या का बहुमान 13 उपवास की बोली से प्रियांशी कटारिया और 21 उपवास की बोली से अक्षत भंडारी ने किया। धर्मसभा में अनेक तप के प्रत्याख्यान हुए। चंदनमल चाणोदिया ने 8 उपवास का प्रत्याख्यान लिए।
सिद्धि तप और भक्ति तप की आराधना जारी
संत भगवंतों के सान्निाध्य में सिद्घि तप की आराधना चल रही है। इसमें 1 उपवास से 8 उपवास की तपस्या की जाती है और 36 दिन उपवास और 8 दिन पारणे के होते है। ये कठिन तपस्या खुशबू कटकानी, संगीता मेहता, डाली भंडारी और प्रियंका भंडारी कर रही है। इसी प्रकार भक्ति तप की आराधना की जाती है। इसमें 1 से 5 उपवास तक चढ़ना और फिर 5 से 1 उपवास तक उतरना होता है। यह तप प्रीति मेहता कर रही है। धर्मसभा में आसपास के कई संघों के प्रतिनिधि भी तप अनुमोदना के लिए उपस्थित थे। प्रभावना का लाभ अमरचंद्र महेंद्र कुमार जैन नागदा और शैतानमल धूलचंद भंडारी परिवार ने लिया। सभा का संचालन राजेंद्र कटकानी ने किया।