-समाजजन ने निकाली जयकार यात्रा
मेघनगर (नईदुनिया न्यूज)। अणु स्वाध्याय भवन पर विराजित विदुषी पुण्यशिलाजी के सान्निाध्य में श्रीसंघ में कई तप आराधनाएं चल रही है। इसी क्रम में मंगलवार को 15 वर्षीय आदि विपुल धोका के 31 उपवास की तपपूर्ति का महोत्सव मनाया गया। इसके तहत जयकार यात्रा निकाली गई, जो शांति-सुमतिनाथ जैन मंदिर, गौड़ी पार्श्वनाथ जैन मंदिर, राजेंद्रसूरी जैन ज्ञान मंदिर होती हुई अणु स्वाध्याय भवन पर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। इसी क्रम में सुमित ब्रजवानी ने 33 उपवास किए हैं।
धर्मसभा में पुण्यशिलाजी ने कहा कि शरीर सशक्त रहे, इसकी चिंता सभी करते हैं, लेकिन आत्मा सशक्त रहे, इसकी चिंता विरले ही करते हैं। इसी को ध्यान में रखकर नन्हे तपस्वियों आदि धोका और सुमित बृजवानी ने छोटी-सी उम्र में 31 तथा 33 उपवास किए। यह श्रीसंघ के लिए भी गौरव का विषय है। इस अवसर पर श्रीसंघ ने दोनों तपस्वियों का बहुमान तप की बोली लगाकर अभिनंदन पत्र, शॉल व माला भेंट कर किया। तथा रोटरी क्लब के अध्यक्ष पंकज रांका, सचिव राजेश भंडारी व सुमित मूथा ने भी बहुमान किया। इस अवसर पर तपस्वी आदि धोका के तेरह बालमित्रों ने भी इस दीर्घ तप के उपलक्ष्य में सामूहिक तीन उपवास करने का संकल्प लेकर बहुमान किया।
दीर्घ तपस्या का क्रम जारी
इसी क्रम में मंगलवार को स्नेहलता बहन वागरेचा ने 80 उपवास की दीर्घ तपस्या के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। इसके पहले वे 111 उपवास सहित कई दीर्घ तप कर चुकी हैं। प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी के 2017 के चातुर्मास में 111 उपवास करने पर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उनका नाम दर्ज किया गया था। इसके अलावा सुदर्शन मेहता 22 उपवास, शशि बहन नांदेचा 11 उपवास, चंदूलाल चोरडिया, आशाबहन नाहटा, चंद्रकांताबहन कर्नावट, कश्मीरा डोशी ने 7 उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किए। सपना वागरेचा तथा लता पोरवाल लघु सर्वतोभद्र तप की आराधना कर रहे हैं। बुधवार को तप त्यागपूर्वक पाक्षिक पर्व मनाया जाएगा।
15 जेएचए 16 - मेघनगर में दीर्घ तपस्वी आदि धोका के निवास से जयकार यात्रा निकाली गई।