बामनिया(नईदुनिया न्यूज)। मानसून का सीजन होने के चलते जिले के प्रमुख बामनिया, थांदला रोड, मेघनगर और अन्य स्टेशनों से आने-जाने वाली टे्रनों में यात्रियों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। कई यात्रियों को सामान्य डिब्बों में पैर रखने तक की जगह नहीं मिल पाती है। इससे गर्मी के चढ़ते पारे में यात्रियों को कोच में सांस लेना भी दूभर हो गया है।
वहीं आरक्षित कोच में भी सामान्य के तुलना में अधिक भीड़ देखी जा रही है। इधर, रेलवे यात्रियों को सुविधा देने के बजाय सुविधाएं घटाता जा रहा है। रेलवे ने कोरानाकाल के बाद से बंद की जनता एक्सप्रेस को भी अभी तक शुरू नहीं किया है। जिससे यात्रियों में रोष व्याप्त है।
एक दशक से यहां टे्रनों के स्टॉपेज की मांग पूरी नहीं हो पाई है। यहां समय-समय पर आने वाले नेताओं और रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण के लिए आने वाले रेलवे के उच्चाधिकारियों को भी जागरूक लोगों और जनप्रतिनिधियों ने कई बार यहां से गुजरने वाली कई ट्रेनों के ठहराव और अतिरिक्त ट्रेन की मांग की, लेकिन आज तक केवल आश्वासन ही मिला। यहां प्रसिद्ध सांचल सोनाणा तीर्थ होने से गुजरात, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान आदि क्षेत्रों से श्रद्धालुओं व कई बड़े श्रीसंघों का आगमन होता रहता है। ऐसे में उन्हें भी असुविधा होती है। उन्हें रतलाम, मेघगनर या इंदौर जैसे बढ़े स्टेशनों पर उतर कर सड़क मार्ग से बामनिया तक सफर करना पड़ता है।
एक दशक बाद भी कोई अतिरिक्त ट्रेन नहीं
सोनाणा खेतलाजी भेरूजी ट्रस्ट के वरिष्ठ मार्गदर्शक व वरिष्ठ नागरिक भंवरलाल बाफना ने बताया कि पूर्व में ऐसा बताया गया था कि रतलाम-नीमच के बड़ी लाइन मे परिवर्तन के बाद रतलाम से वड़ोदरा जुड़कर नई लोकल ट्रेन चलाई जाएगी। नई लोकल ट्रेन से मंदसौर, नीमच, अजमेर, उदयपुर तक आने-जाने के लिए रेल सुविधा जिलेवासियों को मिलने की उम्मीद थी। इससे झाबुआ जिले का इन क्षेत्रों से सीधा संपर्क हो जाता, लेकिन रेलवे और नेताओं की उदासीनता के कारण एक दशक बाद भी जिलेवासियों को कोई नई रेल नहीं मिली। ट्रेनों की कमी के चलते अनेक यात्रियों को सड़क मार्ग से अपना सफर पूरा करना पड़ रहा है, जो उनके लिए कष्टप्रद और अधिक खर्चीला होता है।
बामनिया में दिया जाए इंदौर-पुणे ट्रेन का स्टापेज
बामनिया क्षेत्र के रेलयात्रियों ने बामनिया रेलवे स्टेशन पर इंदौर-पुणे एक्सप्रेस के स्टापेज की मांग की है। सभी का कहना है कि हाल ही में कुछ महीनों पूर्व इस ट्रेन का खाचरौद स्टेशन पर अस्थायी ठहराव दिया गया है, तो इस ट्रेन का बामनिया में भी स्टापेज दिया जा सकता है। यह ट्रेन पहले से ही जिले के मेघनगर स्टेशन पर तो रुकती है। बामनिया स्टेशन पर इसका ठहराव नहीं दिया गया। इस ट्रेन के बामनिया के रुकने से पेटलावद तहसील के लोगों को सीधे इंदौर और पुणे के लिए रेल सुविधा मिल जाएगी। फिलहाल बामनिया रेलवे स्टेशन पर इंदौर की ओर जाने वाली एक मात्र अंवतिका एक्सप्रेस ही रुकती है। इसके अलावा यहां से इंदौर के लिए सीधे कोई रेल सुविधा नहीं है।
डेमू ट्रेन दाहोद-चित्तौड़ के बीच चले
क्षेत्रवासियों का कहना है भीलवाड़ा-रतलाम के बीच जो डेमू ट्रेन जो नीमच-रतलाम होकर चलती है। उक्त ट्रेन को दाहोद-चित्तौ.ड के बीच चलाया जाए या वलसाड़-दाहोद इंटरसिटी एक्सप्रेस को रतलाम तक चलाया जाए। जिससे छोटे-छोटे स्टेशनों के यात्रियों को दिन के समय मे यात्रा करने की सुविधा होगी और क्षेत्रवासियो को सीधी ट्रेन मिलेगी। साथ ही लंबे समय से की जा रही दोपहर के समय रतलाम-दाहोद के बीच लोकल ट्रेन की मांग भी पूरी होगी।