झाबुआ(नईदुनिया प्रतिनिधि)। हरियाली तीज पर रविवार को शहर के निजी गार्डन पर सामाजिक महासंघ महिला इकाई द्वारा परंपराओं और संस्कृति को जीवित रखने के लिए कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें सकल हिंदू समाज की सैकड़ों मातृ शक्तियों ने सहभागिता की।
वहीं सावन के झूलों पर झूलकर और शिव-पार्वती के साथ झूमकर तथा राधा-कृष्ण संग रास रचाकर वृंदावन और मथुरा की याद को ताजा किया। महिलाओं ने मधुर संगीतमय धार्मिक भजनों और गीतों का भी भरपूर आनंद लिया। अंत में सभी के लिए लक्की ड्रा भी रखा गया। जिसमें विजेताओं को नगद पुरस्कार एवं उपहार भी प्रदान किए गए। समापन पर सभी महिलाओं ने स्वादिष्ट फरियाली खिचड़ी की प्रसाद ग्रहण की। सामाजिक महासंघ महिला इकाई की जिला प्रभारी शीतल जादौन ने बताया कि झाबुआ शहर में इस तरह का यह प्रथम आयोजन था। जब एक छत के नीचे सकल हिंदू समाज, जिसमें राजूपत समाज, ब्राम्हण समाज, सोनी समाज, रजक समाज, सकल जैन समाज, दशा नीमा समाज, सिंधी समाज सहित सभी समाज की मातृ शक्तियों ने एक जैसे ड्रेस कोड लाल साड़ी में संज-संवरकर सहभागिता की। उक्त अनूठा कार्यक्रम दोपहर 2 बजे से आरंभ हुआ। लेकिन दोपहर 1 बजे से ही शहरभर से महिलाओं का आयोजन स्थल पर आना आरंभ हो गया था। प्रवेश द्वार पर ब्लूनस से सुंदर सज्जा की गई। अंदर प्रवेश करने पर सभी को केसरिया तिलक बालिका सृष्टि जादौन एवं कृष्णा नागर ने लगाया। बाद सभी पर पुष्प वर्षा आयोजन की मुख्य सहयोगी रीतू सोड़ानी एवं चंचला सोनी ने की। सभी मातृशक्तियों का स्टॉल लगाकर पंजीयन वरिष्ठ कुंता सोनी ने किया। आयोजन स्थल पर समस्त व्यवस्था वरिष्ठ सुशीला भट्ट, पमिता सोनी, रेखासिंह राठौर, ज्योति सोनी, अनिता जाखड़ सहित सभी समाजों की प्रमुख महिलाओं ने संभाली।
मातृशक्तियों का अद्भुत समागम
आयोजन स्थल पर सावन मास के चलते पुराने समय में लोग जिस तरह जंगलों और सूने स्थानों पर पेड़ो और वृक्षों पर रस्सी बांधकर झूला झूलते थे। उसी तरह के झूलों को रस्सी से बांधकर एवं उस पर ब्लूनस से सजाकर तैयार किया गया। इस तरह के 3 झूले लगाए गए। जिस पर मातृ शक्तियों ने झूलते हुए अपने पुरानी पंरपराओं की यादों को ताजा किया। साथ ही झूले पर बैठकर एक-दूसरे के फोटो और सेल्फी लेकर उसे इंटरनेट मीडिया पर भी शेयर किया।
गणेश महिला मंडल ने भजनों से बांधा समां
इसी बीच गणेश महिला मंडल मेघगनर से एक जैसे ड्रेस कोड़ लाल वस्त्रों में सज-संवरकर आई समस्त महिलाओं ने संगीतमय एवं समुधर श्रावण और हरियाली तीज के भजन प्रस्तुत किए। जिस पर महिलाएं अपने आपको नृत्य करने एवं गरबा खेलने से भी नहीं रोक पाई। कार्यक्रम के मध्य में आयोजन स्थल पर शिव-पार्वती बनकर अदिका सोनी एवं प्रियांशी राठौर तथा राधा-कृष्ण बनकर वर्षा सोनी एवं कृष्णा सोनी पहुंची। जिनकी प्रवेश द्वार पर सामाजिक महासंघ महिला इकाई की पदाधिकारियों ने आगवानी कर पुष्पमालाओं से स्वागत कर अंदर प्रवेश करवाया। उनके अंदर प्रवेश करते ही माहौल और भक्तिमय तथा धर्ममय हो गया। उनके साथ महिलाओ ने जहां सावन के झूलों का लुत्फ उठाया तो समधुर भजनों पर नृत्य करते हुए जमकर खुशियां मनाई।
पुरस्कार वितरण किया
करीब एक घंटे तक पूरा माहौल सांस्कृतिक परंपराओं और रीति-रिवाजों के बीच भक्तिमय माहौल के साथ पटा रहा। पूरे आयोजन स्थल को भी सुदंर रूप से सजाया गया। सभी महिलाओं को लकी ड्रा हेतु नंबर की पर्चियां भी प्रदान की गई। समापन पर बच्चों से लकी ड्रा खुलवाए गए। जिसमें प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय रहने वाली महिलाओं को नकद पुरस्कार एवं उपहार देकर सामाजिक महासंघ महिला इकाई की शीतल जादौन की ओर से पुरस्कृत किया गया।