पेटलावद (नईदुनिया न्यूज)। अब क्षेत्र के किसानों को आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्या में भी नगद में खाद वितरण की जाएगी। ये आदेश कलेक्टर सोमेश मिश्रा ने सोमवार को जारी किए हैं। आदेश में कलेक्टर ने बताया कि जिले में विशेषकर पेटलावद क्षेत्र में माही डेम से नहर कमांड एरिया में रबी सीजन 2021-22 में गेहूं, टमाटर व अन्य फसलों में वर्तमान में यूरिया टॉप ड्रैसिंग हेतु यूरिया की कृषकों को विशेष आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए उक्त क्षेत्र में केवल विपणन सहकारी संस्था में ही नगद वितरण व्यवस्था होने से वितरण प्रणाली प्रभावित हो रही है। व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था के चार केंद्रो पर नगद यूरिया प्रति कृषक दो-दो बैग विक्रय करने की अनुमति दी जाती है। यह व्यवस्था आगामी चार दिसंबर तक के लिए करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि रबी सीजन के चलते यूरिया खाद की व्यवस्था करना हर किसान के लिए संकट भरा साबित हो रहा है। रोजाना खाद को लेकर अन्नादाताओं की कतारें पेटलावद के विपणन सहकारी संस्था केंद्र पर लगी रही थीं, बावजूद उन्हें खाद समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। दूसरी ओर इस वर्ष किसानों को आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं पर नगद में खाद मिलना बंद हो गया था। पूरी तहसील में एकमात्र केंद्र होने के कारण अन्नादाताओं को खाद लेने में खासी परेशानी आ रही थी। सोमवार को अंक में 'दोहरी मार झेल रहे अन्नादाता, खाद के लिए घंटों का इंतजार' शीर्षक के साथ प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर ने उक्त शिकायतों को गंभीर लेते हुए आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं में भी नगद में खाद वितरण की व्यवस्था करने के आदेश जारी किए।
किसान यूनियन ने भी उठाया था मुद्दा
पेटलावद क्षेत्र के किसानों की इस समस्या का मुद्दा भारतीय किसान यूनियन ने भी उठाया था और कलेक्टर के नाम एक पत्र लिखकर आदिम जाति सेवा सहकारी संस्थाओं में नगद में खाद वितरण की व्यवस्था शुरू करने की मांग की थी। साथ ही भारतीय किसान यूनियन ने चेतावनी भी दी थी कि अगर जल्द ही क्षेत्र के किसानों की इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो फिर एक बड़ा आंदोलन किसान यूनियन पेटलावद क्षेत्र में करेगी।
भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष महेंद्र हामड़, जिला महामंत्री जितेंद्र पाटीदार और तहसील अध्यक्ष ईश्वरलाल पाटीदार ने बताया हर वर्ष पेटलावद क्षेत्र का किसान रबी सीजन में यूरिया खाद के लिए परेशान होता है। प्रशासन को जो व्यवस्था रबी सीजन की शुरुआत से ही करनी थी, वह अब की जा रही है। खैर देर से ही सही, किसानों को होने वाली समस्या का निराकरण अब सोसायटियों में नगद खाद मिलने से होगा, लेकिन उसमें भी अधिकारियों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जाए, क्योंकि पिछले वर्ष भी कई सोसायटियों में तयदाम से अधिक दाम वसूलकर यूरिया खाद वितरण की शिकायतें सामने आई थीं।
पेटलावद के इन केंद्रों पर भी हो व्यवस्था
कलेक्टर ने आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था मर्या केंद्र पेटलावद, रायपुरिया, सारंगी और झकनावदा केवल चार ही केंद्रों को पर नगद खाद वितरण प्रणाली की शुरुआत करने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन माही नदी की नहरों से सिंचाई वाला सबसे बड़ा एरिया बरवेट क्षेत्र है, जिसे आदेश में शामिल नहीं किया गया है। जबकि यहां के अधिकतर किसानों को खाद की बड़ी मात्रा में आवश्यकता होती है। इसी के साथ करवड़ और टेमरिया को भी छोड़ दिया गया जो कि इन क्षेत्रों के किसानों के लिए अन्याय साबित होगा। प्रशासन को चाहिए कि इन तीन केंद्रों पर भी नगद में खाद वितरण प्रणाली शुरू कराने के आदेश भी जारी किए जाएं, ताकि इन केंद्रों में आने वाले ग्रामीण किसानों को परेशानी न हो।
नईदुनिया ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा
किसान यूनियन ने शनिवार को किसानों की समस्या से कलेक्टर को अवगत करवाया गया था जिसमें किसानों को यूरिया की हो रही दिक्कतों से अवगत किया गया था। सोमवार को नईदुनिया ने इस मामले को प्रमुख रूप से उठाया था। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को आदेश जारी किया गया। रुसके तहत अब आदिमजाति सेवा संस्था पेटलावद, रायपुरिया, झकनावदा ओर सारंगी से नगद दो बोरियां यूरिया किसानों को मिलने लगेगी।