झाबुआ(नईदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना के दस्तक देने के बाद से ही जनता एक्सप्रेस की रफ्तार थमी हुई है। अन्य रेल तो चल रही है किंतु जनता गाड़ी अब तक पटरी पर दौड़ती हुई नजर नहीं आ रही है। इसकी वजह से आम जनता को काफी दिक्कतें हो रही है। जन-जन को यह व्यापक सुविधा उपलब्ध करवाती रही इसलिए इसका नाम ही जनता एक्सप्रेस पड़ गया।
शादियों का सीजन चल रहा है और यात्रियों को जनता एक्सप्रेस का बंद रहना फिलहाल रास नहीं आ रहा। मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर मेघनगर, थांदला रोड़ व बामनिया जैसे जिले के रेलवे स्टेशनों से कही भी आने-जाने के लिए जनता गाड़ी को हर कोई सुविधाजनक पाता था लेकिन कोरोना काल से उबरने के बावजूद यह महत्वपूर्ण रेल फिलहाल नहीं चलाई जा रही है।
यह रही सुविधा
-सुबह के समय जनता दिल्ली तरफ से आती थी इसलिए मेडिकल या अन्य कार्य से गुजरात जाना आसान था
-लंबी दूरी का रेलवे आरक्षण आसानी से उपलब्ध हो जाता था
-छोटे स्टेशन पर जगह-जगह स्टॉपेज होने से बड़ी सुविधा थी
-शाम को दिल्ली तरफ जाना काफी आसान हो जाता था
-प्रतिदिन यात्रा करने वालो के लिए यह रेल हमेशा वरदान रही
अब यह दिक्कतें
-प्रतिदिन यात्रा करने वाले गहरे संकट में
-छोटे स्टेशन के यात्री परेशान
-लंबी दूरी के लिए पश्चिम एक्सप्रेस पर निर्भरता बढ़ी
-रेलवे आरक्षण ही नहीं मिल पा रहा
आमजनों की पीड़ा पर ध्यान नहीं
-दिनेश मंडलोई का कहना है कि कोरोना के समय अन्य रेल भी रोकी गई लेकिन उन्हें बाद में शुरू कर दिया गया। जनता एक्सप्रेस जैसे आम जनों की रेल वापस शुरू करने को लेकर सुस्ती रखी जा रही है।
-प्रदीप जोशी का कहना है कि 20 माह बाद भी आमजनों की पीड़ा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जो कि घोर आश्चर्यजनक है।
बताया कि जनता एक्सप्रेस का संचालन अभी बंद है इसलिए टिकट नहीं दिया जा सकता। यात्री पश्चिम एक्सप्रेस का टिकट मांगते है।
- संजीव कुमार, निरीक्षक रेलेव आरक्षण केंध झाबुआ