रीठी (नईदुनिया न्यूज)। एक वर्ष से भी अधिक समय से बंद कोटा-जबलपुर ट्रेन को पुनः चालू करने की मांग ने अब जोर पकड़ लिया है। गौरतलब है कि कटनी-बीना रेल खंड के सलैया, बकलेहटा, रीठी, पटौंहा, हरदुआ सहित पड़ोसी जिला पन्नाा के रहवासीयों के लिए जबलपुर आने-जाने के लिए एकमात्र सुगम साधन कोटा-जबलपुर ट्रेन का था। जिससे महाविद्यालयों में पढ़ाई कर बच्चे भी अप डाउन कर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे। लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी के कारण देश में लाकडाउन के कारण रेल प्रशासन ने उक्त ट्रेन को बंद कर दिया है। बताया गया कि एक वर्ष से भी अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी उक्त साधन को रेलवे द्वारा पुनः चालू नही किया जा रहा है। जिससे क्षेत्र के सैकड़ों गांव के यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
दस मिनट के अंतराल में वापिस ट्रेन
बताता गया कि वर्तमान में इस खंड में उपलब्ध एक मात्र मेमो गाड़ी बीना-कटनी 06621 के समय में जो परिवर्तन किया गया है वह स्वागत योग्य है। लेकिन कटनी-बीना 06623 का जो समय परिवर्तन किया गया है। उक्त गाड़ी को जो कटनी से दोपहर 12 बजे प्रस्थान का समय निर्धारित किया गया है। उससे इस गाड़ी की उपयोगिता टोटल खत्म हो गई है। यदि कोई यात्री बीना-कटनी से सुबह 11ः50 पर कटनी पहुंचा है तो वह कोई भी कार्य निपटाकर पुनः दस मिनट बाद दोपहर 12 बजे उक्त गाड़ी से वापस नही आ पाता। जिससे जनता को कोई लाभ नही मिल रहा है, और न ही यह किसी काम की है। ग्रामीणों ने कटनी-बीना 06622 का कटनी से प्रस्थान का समय पूर्व की भांति शाम 5 बजे किये जाने की मांग की है। साथ ही कोटा-जबलपुर को चालू कर पटौंहा स्टेशन पर स्टॉपेज की भी मांग की गई है।
महंगाई के कारण बसों का दोगुना किराया
जबलपुर अप-डाउन कर रहे लोगों का कहना है कि कोटा-जबलपुर ट्रेन चालू न होने से उन्हे बसों में मंहगा सफर करना मजबूरी बन गया है। पेट्रोल-डीजल की बढी कीमतों के कारण बसों का किराया भी बढ गया है। जिससे अब जबलपुर आने-जाने में जेब का बजट बिगड़ रहा है। तो वहीं जबलपुर जाकर पढाई करने वाले विद्यार्थीयों ने बीच में ही अपनी पढाई रोक रखी है। यदि कोटा-जबलपुर ट्रेक को पुनः चालू कर दिया जाता तो यात्रियों को सुविधा मिल जाती।
विंध्याचल का भी स्टॉपेज नहीं
बताया गया कि इटारसी-भोपाल विंध्याचल एक्सप्रेस को पुनः पटरी पर दौड़ाया तो जा रहा है लेकिन उक्त गाड़ी का रीठी व सलैया स्टेशन में स्टापेज न होने के कारण क्षेत्रीय लोगों को रेल सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। राजधानी भोपाल आने-जाने के सुगम साधन को भी रेलवे द्वारा क्षेत्रीय जनो से छीन लिया गया है। विंध्याचल ट्रेन तो चालू है लेकिन रीठी व सलैया स्टेशन मे स्टाप नही है।
वर्जन
लोकसभा के सांसद जब से जीत कर गये हैं तबसे जिले एवं क्षेत्र के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। क्षेत्र की एकमात्र सुविधाजनक ट्रेन जो कि कटनी एवं जबलपुर सुबह के वक्त पहुंचाती थी। वह भी बंद है जबकि संपूर्ण देश की सभी ट्रेनें चालू हो गई हैं। लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद के क्षेत्र की यह ट्रेन जबलपुर से आज भी बंद पड़ी है। वहीं विंध्याचल एक्सप्रेस का रीठी सलैया में स्टॉपेज नहीं है। कटनी बीना पैसेंजर ट्रेन व कटनी चिरमिरी पैसेंजर ट्रेन बंद है।
महेंद्र जैन, अध्यक्ष रेल संघर्ष समिति रीठी।
रीठी से जबलपुर आने-जाने के लिए एकमात्र कोटा-जबलपुर ट्रेन का सुगम साधन था, जिसे करीब डेढ वर्ष से रेल्वे द्वारा बंद कर रखा गया है। यदि कोटा-जबलपुर ट्रेन को पुनः चालू कर दिया जाये तो क्षेत्रीय लोगों आवागम के लिए एक अच्छा साधन मिल जाएगा।
मुकेश कंदेले, रीठी निवासी।
कटनी-बीना रेल खंड के रीठी रेल्वे स्टेशन में ट्रेनों के स्टॉपेज न होने से क्षेत्रीय यात्रियों के साथ-साथ अप-डाउन कर बड़े-बड़े शहरों में अपनी पढाई कर रहे क्षेत्र के होनहार विद्यार्थियों को भी भारी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। यदि रीठी रेल्वे स्टेशन पर प्रमुख ट्रेनो का पुनः स्टॉपेज हो जाता तो यात्रियों को सुविधा मिल जाती।
अतुल गुप्ता, रीठी निवासी