कटनी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। मुख्य सड़कों में एक जगन्नाथ चौक से जुहला बाइपास तक की सड़क है। लेकिन इसमें जाम की समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है। इस सड़क में दिन में कई बार जाम लगता है।
जगन्नाााथ चौक से घंटाघर तक रोजाना जाम से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो शुरू हो गई है लेकिन अभी मामला घंटाघर तक नहीं पहुंचा है। जगन्नााथ चौक से घंटाघर के बीच का मार्ग सबसे संकरा है। यहां पर अतिक्रमण हटाने के बाद उपलब्ध भूमि के आधार पर चौड़ाई रखी जाएगी। नगर निगम से मिली जानकारी के अनुसार मार्ग में उपलब्धता के आधार पर चौड़ाई होगी।
जगन्नाााथ चौक से घंटाघर, घंटाघर से गर्ग चौराहा और ओवरब्रिज से जुहला बायपास तक तीन पार्ट में सड़क का निर्माण होना था। इसमें सिर्फ अतिक्रमण ही हटाए जाएंगे और किसी भी प्रकार से भूमि का अधिग्रहण नहीं होगा। जानकारी के अनुसार इस मार्ग पर कहीं पर 9 मीटर तो कहीं उससे अधिक भी अतिक्रमण है। इसके अलावा कहीं पर 9 मीटर से भी कम पर अतिक्रमण है। इसके लिए सर्वे कराया गया है।
बननी है चौड़ी सड़क
जगन्नाााथ चौक से जुहला बायपास तक के मार्ग के चौड़ीकरण के लिए मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना से दस करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। जोहला बायपास से दुबे कॉलोनी तक सड़क भी बन चुकी है। लेकिन यहां पर कई स्थानों पर अतिक्रमण हटाने में विसंगति की शिकायत नागरिक करते रहे हैं।
स्वीकृति के बाद अब यहां चौक से घंटाघर तक के संकरे मार्ग से निजात कब मिलेगी इस पर अभी कहा नहीं जा सकता है। यहां पर मार्ग की चौड़ाई पर्याप्त नहीं मिलने से डिवाइडर नहीं बन पाएंगे और उससे लगने वाले जाम से भी निजात मिलने की संभावना कम ही दिखाई दे रही हैं। मार्ग में सड़क, डिवाइडर, नाली निर्माण की कुल लागत 10 करोड़ 37 लाख रुपये होगी, इसमें से दस करोड़ के अलावा शेष राशि नगर निगम लगाएगा। मामले में नगर निगम का कहना है कि मकान आज भी लैंडमार्क बने हैं।
पूरे शहर में पार्किंग की समस्या
शहर में पार्किंग की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। मुख्य शहर की बसाहट काफी घनी है। मौजूदा समय में शहर के मुख्य बाजार में पुराने व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जगह नए व बड़े व्यवसायिक कॉप्लेक्स बनकर तैयार हो चुके हैं या तैयार हो रहे हैं। इनमें से ज्यादार भवनों के निर्माण में पार्किंग व्यवस्था को नजर अंदाज किया गया है। इससे परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से बेतरतीब बनी हुई है। चार पहिया वाहन तो दूर दो पहिया वाहन भी बिना रुके चला पाना मुश्किल है।