MP Vijayraghavgarh Vidhan Sabha: विजयराघवगढ़ से मुकेश तिवारी। कटनी जिले का विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र प्रदेश के रसूखदार विधायकों में से एक संजय पाठक का है। विधायक के साथ ही वे उद्योगपति भी हैं इसके बाद भी क्षेत्र के युवक रोजगार की तलाश करते नजर आ जाते हैं। क्षेत्र में तीन बड़े सीमेंट प्लांट हैं लेकिन यहां के लोगों को काम के लिए जिला मुख्यालय के औद्योगिक क्षेत्र में जाना पड़ता है। बेरोजगारी के अलावा यहां महानदी के घाटों से निकलने वाली रेत, उसके अवैध खनन को लेकर पूरे प्रदेश में चर्चा होती है। क्षेत्र एक बार फिर दूसरी वजह से चर्चा में है।
विधायक संजय पाठक ने हाल ही में विजयराघवगढ़ के रामराजा पहाड़ में हरिहर तीर्थ के नाम से भगवान परशुराम की 108 फीट की प्रतिमा की स्थापना के साथ 12 ज्योतिर्लिंग, भगवान श्रीकृष्ण, श्रीराम जन्मभूमि के मंदिर की अनुकृति, शबरी माता व निषादराज के मंदिर सहित अन्य मंदिरों की स्थापना का बड़ा आयोजन किया। तीर्थ क्षेत्र का भूमिपूजन करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पहुंचे। एक माह के मेले में देशभर के बड़े-बड़े संतों का जमावड़ा यहां रहा। हरिहर तीर्थ को विधायक के विधानसभा चुनाव की वैतरणी को पार करने की कवायद कहा जा रहा है।
मेरा उद्देश्य विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र का सर्वांगीण विकास और यहां के लोगों के चेहरे पर मुस्कान देखना है। इसके लिए पिछले पांच वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और सड़क के कार्यों का प्राथमिकता से क्रियान्वयन सुनिश्चित करते हुए बड़े विकास कार्य कराए हैं। बेरोजगारी को लेकर विपक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं। वे हकीकत नहीं बता रहे केवल काल्पनिक आरोप लगा रहे हैं। - संजय सत्येंद्र पाठक, विधायक, भाजपा
क्षेत्र में बड़े-बड़े प्लांट हैं। अमेहटा में नया प्लांट लगा तो युवाओं को रोजगार की उम्मीद जागी थी लेकिन उसमें बाहरी लोगों को ही रोजगार मिला। रेत खनन मनमाने तरीके से हो रहा है। इसमें विधायक की सहभागिता है। चुनाव के बाद से विधायक ने क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया। जब चुनाव नजदीक हैं तो धर्म-कर्म के माध्यम से अपनी उपस्थिति क्षेत्र में दर्ज कराने के लिए सक्रिय हैं। - पद्मा शुक्ला, 2018 के विधानसभा चुनाव में निकटतम प्रतिद्वंद्वी
गांवों में बिजली और पानी की परेशानी
देवराकलां के लक्ष्मण प्रसाद गड़ारी कहते हैं कि उनके गांव में पानी की समस्या है। आमजन तो दूर मवेशी भी पानी के लिए परेशान हैं। ग्राम पंचायत के कुछ हिस्से में पानी आता है और बाकी क्षेत्र के लोग दूर-दूर से पानी लाते हैं। चुनाव के बाद से विधायक गांव तक नहीं आए हैं। कोरोना के लाकडाउन के समय भी विधायक ने गांव के लोगों की सुध नहीं ली। वहीं, संगवारा के धनराम आदिवासी का कहना है कि गांव का तीन किमी का रास्ता आज भी कच्चा है। बारिश में कीचड़ के बीच से लोग निकलकर मुख्य मार्ग तक पहुंचते हैं। गांव की डोगरापारा बस्ती में 20 घर आदिवासी परिवारों हैं।
विजयराघवगढ़ और बरही क्षेत्र में महानदी से रेत का अवैध खनन आए दिन चर्चा में रहता है। यहां से ठेकेदार कंपनी ने नदी के बीच में मशीनें लगाकर खनन किया। मामला खूब उछला लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारी ठेकेदार कंपनी की मनमानी को सामने लाने की जगह छिपाने में लगे रहे। इतना ही नहीं, बरही से मैहर के बीच बने महानदी के पुल को जर्जर घोषित कर उससे आवाजाही बंद करवा दी गई है। इसका अघोषित कारण उमरिया की रेत का परिवहन रोकना बताया जाता है। पुल बंद होने से कई गांवों के लोगों को मैहर की ओर आने व जाने के लिए 40 से 50 किमी लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है।
नए प्लांट में स्थानीय लोगों को नौकरी नहीं
क्षेत्र के अमेहटा में नया सीमेंट प्लांट लगाया गया है। इसमें स्थानीय लोगों को रोजगार न मिलने का मुद्दा लगातार सुर्खियों में रहा। यहां तकनीकी काम तो ठीक मजदूरी के लिए भी अन्य प्रदेशों से लोगों को बुलाया गया। मुद्दा गरमाने के बाद संजय पाठक ने युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए आंदोलन की बात कही लेकिन लोगों को नौकरी नहीं मिली। स्थानीय लोग लमतरा व कटनी जिला मुख्यालय में रोजी-रोटी कमाने जाते हैं।
- विजयराघवगढ़ में प्रदेश का सबसे बड़ा संयुक्त तहसील भवन बना।
- बरही व विजयराघवगढ़ में आइटीआइ के भवनों की व्यवस्था।
- महानदी, झपावन नदी में पुल बनकर लगभग तैयार हैं।
- महानदी पर घुनौर से खिरवा पुल का भूमिपूजन होने वाला है।
- लगभग 125 करोड़ रुपये की लागत से से विजयराघवगढ़, कैमोर व बरही नगर के लिए बायपास बजट में स्वीकृत।
- बगैहा से खितौली मार्ग पर 48 करोड़ रुपये की लागत से सड़क का निर्माण जारी है।
- बरही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का 10 करोड़ रुपये से उन्नयन किया जाना है।
- बरही मैहर मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत के 26 करोड़ स्वीकृत कराए।