कटनी/रीठी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले के रीठी रेल्वे स्टेशन में मुसाफिरों की सुरक्षा व व्याप्त अनियमितताओं के चलते क्षेत्र के बाशिंदे अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यहां प्लेटफार्म तो बने हैं लेकिन रेल्वे प्रबंधन ने प्लेटफार्म पर मूलभूत सुविधाओं का दीदार नहीं हो पा रहा है। आलम यह है कि प्लेटफार्म पर पीने के पानी तक की समुचित व्यवस्था नहीं है। लगे हैंडपंप पानी की जगह हवा उलग रहे हैं और यात्रियों को सिर्फ मुंह चिढ़ाने का काम कर रहे हैं।
बताया गया कि रीठी मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मुहांस में सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। जहां टूटी हुई हड्डीयां जुड़वाने के लिए व दर्शन लाभ लेने के लिए दूर दराज क्षेत्रों से हजारों यात्री आते हैं और रीठी रेल्वे स्टेशन में उतर कर ही मंदिर की ओर जाना पड़ता है। यहां हर रो दूरदराज से आए हजारों यात्री टिकट लेकर रवाना होते हैं। लेकिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में वे अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं। स्टेशन पर बैठक व्यवस्था के नाम पर बनी कुर्सियां टूटी पड़ी हैं। शौचालय की व्यवस्था के नाम पर खानापूर्ति की गई है यहां महीनों से साफ-सफाई न होने के कारण यात्रियों का प्रवेश करना ही मुश्किल है।
सुरक्षा में भी अनदेखीः जहां एक ओर स्टेशन पर यात्रियों के सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं तो वहीं दूसरी ओर यहां दोनों जिम्मेदार विभागों का कोई भी पुलिस कर्मी स्टेशन परिसर में यात्रियों के जान-माल की सुरक्षा के लिए उपलब्ध नहीं रहता, तो वहीं रीठी का पुलिस थाना भी स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर दूर है। सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण असामाजिक तत्वों का डेरा स्टेशन परिसर में जमा रहता है और यात्रियों के साथ अनहोनी घटनाएं घटित होती रहती हैं।
जगह-जगह लगा गंदगी का अंबारः रीठी रेलवे स्टेशन परिसर में व्याप्त गंदगी को देखकर भर्रेशाही का प्रमाण मिल ही जाता है। लेकिन साफ-सफाई की ओर रेल विभाग द्वारा ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा जा रहा है। रीठी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों सहित पूरे परिसर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जो कटनी-बीना रेल खंड प्रमुख स्टेशनों में शामिल रीठी रेलवे स्टेशन की फिजा बिगाड़ने का काम कर रहा है।
नल से पानी की जगह निकल रही हवाः रीठी रेल्वे स्टेशन में मुसाफिरों को गला तर करने के लिए नल तो लगाये गये हैं, लेकिन रेल्वे द्वारा लगाये गये नल यात्रियों के कंठ की प्यास बुझाने की बजाय सिर्फ मुंह चिढ़ाने का काम कर रहे हैं। जिसके चलते इस भीषण गर्मी के दिनों में रेल यात्रियों को पीने के पानी के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। मजबूरन यात्रियों को पाउच या मिनरल वाटर का सहारा लेना पड़ रहा है जो उन्हें बीमार भी कर सकता है।
पर्याप्त विद्युत व्यवस्था भी नहीं, शाम ठलते ही मच जाता है अंधेराः रीठी रेलवे स्टेशन में बदहाली का आलम कुछ इस तरह छाया हुआ है कि कहीं पर भी सुविधाओं का साक्षात्कार नहीं होता। अव्यवस्थाओं से घिरे स्टेशन परिसर में ट्रेन के इंतजार में बैठने वाले यात्रियों को खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं यात्रीगण किसी अनहोनी की आशंका से भी भयभीत रहते हैं। क्योंकि स्टेशन परिसर में पर्याप्त विद्युत व्यवस्था न होने के कारण शाम ठलते ही परिसर में अंधेरा छा जाता है। बिजली गुल होने पर स्टेशन से इमरजेंसी लाइट भी बंद रहती हैं। खास तौर पर शाम ठलते ही प्लेटफार्मों के आखरी हिस्सों में अंधेरा फैल जाता है।
टिकट बिंडो में लगती है कतारः रीठी रेलवे स्टेशन में अप-डाउन ट्रेनो की टिकट बिक्री के लिए मात्र एक ही टिकट बिंडो है। जो गाड़ी आने के पांच मिनट पहले ही खुलता है जिसके चलते टिकट लेने के लिए लंबी कतार में खड़े होकर अपना नंबर आने का इंतजार करना पड़ता है। कभी-कभी तो टिकट लेते-लेते ट्रेन भी छूट जाती है। जबकि यह कहना .गलत नहीं होगा कि रीठी रेल्वे स्टेशन रेल प्रबंधन की उपेक्षा का शिकार है। क्षेत्र के सतेन्द्र सिंह राजपूत, बिंजन श्रीवास, सूरज पाल, अतुल गुप्ता, विजय पटेल, जय चड़ार, राजेश रैकवार, सोनू सेन, मुकेश बेन, राशू कंदेले, प्रहलाद बर्मन, महेश पटेल, संतोष गुप्ता सहित अन्य जनों ने रेल प्रबंधन से रीठी रेलवे स्टेशन में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने की अपेक्षा जताई है।