कटनी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। ट्रेन में सीट मिल जाए। इसके लिए कटनी के स्टेशनों में यात्री जान जोखिम में डाल रहे हैं। सोमवार को एक ट्रेन प्लेटफार्म क्रमांक पांच पर पहुंची तो प्लेटफार्म से उतकर आधा सैकड़ा यात्री प्लेटफार्म से उतरकर ट्रेक पार करते हुए दूसरी ओर चले गए। इसके बाद यात्री ट्रेक से ट्रेन में चढ़े। इस तरह से ट्रेन में चढ़ने से यात्रियों की जान जोखिम में रहती है। बावजूद इसके यात्रियों को ऐसा करने से स्टेशन प्रबंधन द्वारा नहीं रोका जा रहा है। हर दिन इसी तरह के नजारे एएमयू ट्रेन के आने के दौरान दिखाई देते हैं। इसके अलावा रेलवे स्टेशन में रेल ट्रेक पार कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म भी यात्री जा रहे हैं। जिसके कारण भी हादसे की आशंका बनी रहती है। यात्री जल्द बाजी के कारण अपनी जान को जोखिम में डालते हैं और फुट ओवर ब्रिज का उपयोग करने की बजाय रेल ट्रेक पार कर एक प्लेटफार्म से दूूसरे प्लेटफार्म जा रहे हैं।
शार्टकट से हो सकते हैं हादसेः रेलवे स्टेशन में एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म में जाने के लएि रेल टे्रक पार करने के नजारे हर दिन ही देखे जा सकते है। कोई न कोई यात्री या तो जल्दबाजी के कारण या फिर शार्टकट अपनाने के लएि रेल ट्रेक पार करता है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों से अप और डाउन को मिलाकर प्रतिदिन लगभग सौ ट्रेन गुजरती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हर समय प्लेटफार्म में ट्रेन के संचालन का दबाव बना रहता है। ट्रेक पार कर रहे यात्रियों की एक चूक भी उन्हें हादसे का शिकार बना सकती है। बावजूद इसके यात्री अपनी जान-जोखिम में डालकर रेल ट्रेक पार कर रहे है।
कार्रवाई का अधिकारः रेलवे स्टेशन में एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने के लएि कोई यात्री ब्रिज का उपयोग करने की बजाय रेल ट्रेक का उपयोग कर रहा है तो रेलवे एक्ट के तहत उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। कार्रवाई रेल सुरक्षा बल द्वारा की जाती है। लेकिन आरपीएफ द्वारा भी कार्रवाई नहीं की जाती है। हालांकि कभी-कभार कार्रवाई कर आंकड़ों की खानापूर्ति की जाती है।
रेल ट्रेक को सिर्फ यात्रियों द्वारा पार नहीं किया जाता है जबकि खाद्य सामग्री बेचने वाले वेंडर, ट्रेनों से लगेज उतरने वाले पार्सल पोर्टर, यात्रियों का सामान ढोने वाले कुली भी इसमें शामिल हैं। कोई भी ट्रेन आने पर एक से दूसरे प्लेटफार्म जाने के लएि बहुत कम ही ऐसा देखा गया है। कि वेंडर और लगेज उतारने वाले ओवर ब्रिज का उपयोग कर रहे हों। हर समय वेंडरों, कुलियों और लगेज पोर्टल द्वारा रेल ट्रेक पार किया जाता है।