बोरगांव बुजुर्ग (नईदुनिया न्यूज)। आदिवासी संस्कृति से जुड़े भगोरिया पर्व का आगाज शुक्रवार को जिले के ग्राम भीलखेड़ी से हो रहा है। भीलखेड़ी में कोरोनाकाल के बाद समाजजन खुलकर पर्व मनाएंगे। गौरतलब है कि प्रतिवर्ष होली पर्व से पहले क्षेत्र के हाट बाजार भगोरिया हाट के रूप में लगते है। दो वर्षों से कोरोना महामारी के प्रतिबंधों के चलते भगोरिया का रंग फीका रहा। शुक्रवार को हाट में पुरुष पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचेंगे। साथ ही अलग-अलग व्यंजनों का लुत्फ लेने के बाद पान खाकर पर्व को मनाया जाएगा।
अलग-अलग क्षेत्र से आएंगे-भगोरिया हाट में अलग-अलग क्षेत्र से समाजजन बड़े-बड़े ढोल लेकर पहुंचेंगे। इस दौरान मांदल नृत्य करेंगे। बोरगांव के अंतर्गत आने वाले आदिवासी फालिया पलस्यापाटी निवासी अंतरसिंग डाबर ने बताया-दो वर्षों से महामारी को लेकर प्रतिबंधों के बाद इस बार पर्व को खुलकर मनाने के लिए समाज के लोग उत्साहित है। समाज के लोग इस बार पर्व को लेकर पिछले 15 दिनों से तैयारी में जुटे है। जहां एक ओर महिलाएं और बच्चे श्र्ाृंगार सामग्री तथा कपड़ों की खरीदी में लगे है, वहीं दूसरी ओर पुरुष भी अपने ढोल तैयार कर रहे हैं।
जिले का सबसे बड़ा बोरगांव भगोरिया लगेगा जामठी मार्ग पर
जिले का सबसे बड़ा भगोरिया हाट बोरगांव बुजुर्ग में लगता है। जहां बड़ी संख्या में समाजजन पर्व को मानने पहुंचते है। इस बार 12 मार्च को बोरगांव में भगोरिया हाट रहेगा। प्रतिवर्ष बोरगांव में डोंगरगांव मार्ग पर पुलिस चौकी के सामने एक खेत में भगोरिया हाट लगता था, मगर इस बार उस खेत में नई कालोनी का निर्माण हो चुका है। भगोरिया स्थल चयन के लिए चौकी प्रभारी रमेश गवले और सचिव रणजीतसिंह राठौर ने पहले सुक्ता कालोनी के पास एक रिक्त खेत को देखा, मगर भगोरिया हाट के हिसाब से वो जगह उचित नहीं लगी। इसके बाद जामठी मार्ग किनारे खुली जगह पर बाजार लगाने का निर्णय लिया गया है।
किस दिन कहां रहेगा भगोरिया हाट
11 मार्च (शुक्रवार) को भीलखेडी
12 मार्च (शनिवार) को बोरगांव बुजुर्ग
13 मार्च (रविवार) को नेपानगर
14 मार्च (सोमवार) को धुलकोट और दीवाल
15 मार्च (मंगलवार) को डोंगरगांव
16 मार्च (बुधवार) को खिराला
17 मार्च (गुरुवार) को कोहदड़ए खातला और घाटाखेड़ी
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