
e-KYC for Ration Card: खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। राशन दुकानों पर उपभोक्ताओं के लिए ई-केवायसी सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे उपभोक्ता जो ई-केवायसी का सत्यापन कराने में बहानेबाजी कर रहे हैं उनका राशन बंद हो सकता है। इसके अलावा राशन लेने वाले प्रत्येक परिवार को कंट्रोल दुकान पर अपना एक मोबाइल नंबर देना भी अनिवार्य कर दिया गया है। कंट्रोल दुकानों से राशन लेने वाले उपभोक्ताओं से ई-केवायसी का सत्यापन कराने के निर्देश कलेक्टर अनूप कुमार सिंह ने दिए हैं।
कई लोगों को राशन देने से किया इनकार
हाल ही में बैठक के दौरान कलेक्टर ने कंट्रोल दुकान संचालकों को सख्त हिदायत दी है कि अब इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यही कारण है कि शहर की अधिकांश कंट्रोल दुकानों से ऐसे उपभोक्ताओं को राशन देने से इनकार किया जा रहा है जिनके परिवार में एक भी सदस्य का ई-केवायसी सत्यापित नहीं हैं।
पाबंदी लगाने पर परिवारों के सदस्य ई-केवायसी का सत्यापन कराने दुकानों पर पहुंच रहे हैं। शहर में दो लाख 37 हजार उपभोक्ता हैं। करीब 96 हजार परिवार ऐसे हैं जिन्होंने समग्र आइडी से मोबाइल नंबर तक लिंक नहीं कराया है। इन परिवारों के 10 लाख 15 हजार सदस्य हैं। इन सदस्यों में से करीब पांच लाख सदस्यों का ई-केवायसी का सत्यापन नहीं हुआ है। विइन उपभोक्ताओं के लिए हर महीने करीब छह हजार टन अनाज आवंटित होता है।
ई-केवायसी के सत्यापन की प्रक्रिया उन लोगों को परेशानी में डाल सकती है, जो फर्जी तौर पर घर के सदस्यों के नाम पर राशन ले रहे हैं। ऐसे कई परिवार हैं जहां सदस्यों की मृत्यु होने या घर के किसी सदस्य के शहर से बाहर रहने पर भी उसके नाम से राशन लिया जा रहा है। ई-केवायसी के सत्यापन की प्रक्रिया में ऐसे परिवारों का फर्जीवाड़ा सामने आएगा। क्योंकि सत्यापन के लिए घर के प्रत्येक सदस्य को कंट्रोल दुकान पर पहुंचकर मशीन पर अंगूठा लगाना होगा।
कलेक्टर ने ई-केवायसी सत्यापन के निर्देश दिए हैं। यह कार्य जल्द पूरा करना है। अब तक 50 फीसद सदस्य ऐसे हैं जिनका केवायसी सत्यापित नहीं है। जबकि 40 फीसद परिवार ऐसे हैं जिन्होंने अपना मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं कराया है। - अरुणकुमार तिवारी, खाद्य अधिकारी
