Electricity Bill: खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बिजली बिलों के वितरण के बाद विद्युत कंपनी के कार्यालय में बड़ी संख्या में उपभोक्ता बिल ज्यादा आने की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। अधिकांश उपभोक्ताओं का आरोप है कि मीटर की रीडिंग 30 दिन की बजाए 40 से 45 दिन में लिए जाने से सब्सिडी का लाभ नहीं मिला है, वहीं टैरिफ भी अधिकतम लगने से कंपनी द्वारा अधिक राशि वसूली जा रही है। शिकायत लेकर पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को अधिकारियों द्वारा वस्तु स्थिति से अवगत करवाने के बाद भी उपभोक्ताओं का आक्रोश कम नहीं हो रहा है। बिल विलंब से जारी होने के बाद अब रीडिंग को लेकर उपभोक्ताओं के संशय से बिल जमा करने की अंतिम तारीख तक लक्ष्य से आधी वसूली ही हो सकी है।
शहर के करीब 56 हजार विद्युत उपभोक्ताओं में से अधिकांश को जुलाई माह में जारी हुए बिल की रीडिंग और राशि को लेकर संशय है। इसके चलते दो दिनों से विद्युत कंपनी के कार्यालय में बिल सुधरवाने और राशि कम करवाने के लिए उपभोक्ता पहुंचकर आक्रोश जता रहे है। उपभोक्ताओं का कहना है कि दो माह से उनके बिल औसत खपत से अधिक के आ रहे है। कंपनी द्वारा अपने लाभ के लिए एक माह में मीटर रीडिंग लेने की बजाए डेढ़ माह में ली जा रही है। इससे उपभोक्ताओं को एक माह में 100 यूनिट की खपत पर मिलनी वाली सब्सिडि का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पहले जो बिल 100 से 150 रुपये आता था, वह टैरिफ और टैक्स लगने से एक से डेढ़ हजार रुपये तक आया है। कंपनी की 30 दिन में रीडिंग लेकर खपत के अनुसार ही बिल जारी करना चाहिए।
विद्युत कंपनी के कार्यपालन यंत्री नितिन चौहान ने बताया कि जुलाई माह के विद्युत देयक की रीडिंग कुछ स्थानों पर 35 से लेकर 40 दिनों तक की हुई है लेकिन बिल टेब्युलेशन करके तीस दिनों की खपत के आधार पर ही टैरिफ लगाकर बिल जारी किया गया है। टैरिफ प्रतिदिन की खपत के आधार पर लगता है। यदि किसी उपभोक्ता की 45 दिन की खपत रीडिंग में 150 आई है तो उसे मासिक बिल 100 यूनिट के हिसाब से ही दिया गया है। इससे उपभोक्ता को सब्सिडी का कोई नुकसान नहीं हुआ है। यदि कोई उपभोक्ता देयक में कोई त्रुटि की संभावना है तो कार्यालय आकर या 1912 हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है। रीडिंग में देरी से होने से कोई भी पात्र उपभोक्ता छूटा नहीं है उन्हें नियमानुसार लाभ प्राप्त हुआ है। इसलिए समय पर बिल जमा कर असुविधा से बचें।
पचास प्रतिशत ही हुई वसूली
जुलाई माह के बिल जमा करने की अंतिम तारीख पहले 20 अगस्त तय थी। इस माह में बिल देरी से वितरित होने से कंपनी ने अंतिम तारीख बढ़ा कर 23 अगस्त कर दी थी। इसके बाद भी अभी तक मात्र 50 फीसद वसूली ही हो सकी है। कंपनी को इस माह शहरी क्षेत्र में करीब दस करोड़ की राजस्व लक्ष्य का लक्ष्य हैं। कार्यपालन यंत्री चौहान ने बताया कि उपभोक्ताओं को पेपरलेस बिल योजना अंतर्गत बिल मोबाइल पर मैसेज और इमेल के जरिए भेजे जा रहे है। आगामी माह से बिलों का वितरण पूरी तरह बंद हो जाएगा।