गोविंद गीते, नईदुनिया, खंडवा : हरफनमौला गायक, अभिनेता और संगीतकार किशोर कुमार का जन्म खंडवा के जिस पुश्तैनी बंगले में हुआ था, वह अब खंडहर में बदल चुका है। नगर निगम ने इस बंगले को कंडम घोषित कर दिया है। इसके बावजूद आज भी यहां बिजली का बिल आता है।
यह बिजली कनेक्शन आज भी किशोर कुमार के पिता कुंजीलाल गांगुली के नाम से है। शाम होते ही बंगले के बरामदे में रोशनी जगमगाने लगती है। इस बंगले की देखरेख करीब 60 वर्षों से सीताराम सावनेर कर रहे हैं। 80 वर्षीय सीताराम इसी बंगले के बरामदे में रहते हैं। उन्हें किशोर कुमार के भतीजे अर्जुन कुमार हर महीने सात हजार रुपये पगार देते हैं।
सीताराम बताते हैं कि वे रात में बंगले में ही रहते हैं। यहां उन्होंने एक पंखा और बल्ब लगाया हुआ है। इसी के लिए बिजली बिल आता है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने 200 रुपये का बिजली बिल भरा, जो उनकी पगार से ही चुका दिया गया। बंगला आज भी नगर निगम रिकॉर्ड में किशोर दा के पिता कुंजीलाल गांगुली के नाम पर दर्ज है। इसका सालाना टैक्स भी परिवार द्वारा समय-समय पर जमा किया जाता है।
किशोर कुमार के इस पुश्तैनी बंगले का बंटवारा दो हिस्सों में किया गया है। अर्जुन कुमार, जो अनूप कुमार (किशोर कुमार के भाई) के बेटे और किशोर दा के भतीजे हैं, उन्हें बंगले का 75 प्रतिशत हिस्सा मिला है। शेष हिस्सा किशोर कुमार के बेटे सुमित कुमार के पास है।
सीताराम पिछले 60 साल से इस बंगले की चौकीदारी कर रहे हैं। उन्होंने किशोर दा के परिवार के कई सदस्यों को आते-जाते देखा है। वे बताते हैं कि जब अर्जुन कुमार खंडवा आते हैं तो बंगले की देखरेख पर चर्चा होती है। फिलहाल यह बंगला पूरी तरह जर्जर हो चुका है और रहने लायक नहीं है, इसी वजह से नगर निगम ने इसे कंडम घोषित कर दिया है।