
नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित संगठन सिमी के गढ़ रहे खंडवा जिले के एक गांव ग्राम पेठिंया (मछोंडी रैय्यत) में रविवार को इमामबाड़ा मदरसे के ऊपर बने कमरे से पुलिस ने 19 लाख 78 हजार रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं। कमरे में रखे बैग से पुलिस ने पांच-पांच सौ के नकली नोटों की गड्डियां जब्त कीं। इनमें 164 नोट बिना कटे हुए मिले हैं। इसके साथ ही नोटों को काटने वाला कटर भी जब्त किया है। इससे साफ हो रहा है कि नकली नोट कहीं और से छपवाकर लाने के बाद यहीं काटे जाते थे।
मदरसे के इस कमरे में 33 वर्षीय मौलाना मोहम्मद जुबैर अशरफ अंसारी रहता था, जो मदरसे में बच्चों को इस्लामिक शिक्षा देने के साथ ही पड़ोस में तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ाता था। वह सप्ताहभर पहले 26 अक्टूबर को यह कहकर यहां से गया था कि बुरहानपुर जिले में स्थित अपने घर किसी काम से जा रहा है। इस बीच, दो दिन पहले महाराष्ट्र पुलिस ने मालेगांव में मौलाना जुबेर और उसके एक साथी को 10 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। इसकी जानकारी मिलने पर मस्जिद के सदर कलीम ने रविवार को जावर थाना पुलिस को दी। इसके बाद मदरसे के कमरे की छानबीन कर नकली नोट बरामद किए गए।
पुलिस को नकली नोटों का इस्तेमाल असामाजिक गतिविधियों में होने की आशंका है। पुलिस मानकर चल रही है कि मौलाना जुबैर अकेले यह काम नहीं कर रहा था, उसके साथ पूरा गिरोह होने की आशंका है। ऐसे में पुलिस पूरे मामले की बारीकी से करने में जुटी है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस मामले में बड़ा राजफाश संभव है। खंडवा के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने बताया कि आरोपित मौलाना जुबेर को महाराष्ट्र पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। अब खंडवा में भी उसके विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है और नकली नोटों के बारे में पूछताछ के लिए उसकी रिमांड मांगी जाएगी। पता लगाने की कोशिश होगी कि मौलाना नकली नोटों का इस्तेमाल कहां और कैसे कर रहा था। वह ये नकली नोट कहां से छपवाता था या लाता था, इसकी जांच होगी, साथ ही पता लगाया जाएगा कि उसके साथ नकली नोटों के इस कार्य में और कौन-कौन लोग लिप्त हैं।
मौलाना जुबेर अंसारी खंडवा के पड़ोसी जिले बुरहानपुर का रहने वाला है। पिछले तीन माह पहले वह खंडवा जिले के जावर थाना क्षेत्र स्थित गांव पेंठिया (मछोंडी रैय्यत) पहुंचा और यहां गांव की मस्जिद में नमाज पढ़ाने का काम करने लगा। मस्जिद के सदर कलीम के अनुसार, रहने के लिए उसे इमामबाड़ा मदरसे के ऊपर वाला कमरा दे दिया था। यहां रहकर वह मदरसे के बच्चों को इस्लामिक शिक्षा भी देता था। मौलाना जुबैर ने बीवी को तलाक दे दिया था और मजहबी काम करने लगा था। पता लगा है कि पेंठिया में आने से पहले वह खंडवा जिले में ही जावर थाना क्षेत्र के गांव डूंगरी में लगभग तीन माह रह चुका है। पुलिस यहां भी जांच करेगी।