रिश्वत लेने वाली महिला पटवारी को तीन साल कैद की सजा, इस काम के लिए मांगे थे ढाई हजार
महिला पटवारी उसके पिता से उसे प्राप्त कृषि भूमि का ऑनलाइन नामांतरण की इंट्री करने के एवज में 2500 रुपये रिश्वत की मांग कर रही थी। फरियादी की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर ने निरीक्षक राहुल गजभिये के नेतृत्व में टीम गठित कर 20 जनवरी 2020 को महिला पटवारी के तहसील हरसूद स्थित कार्यालय भेजा था।
Publish Date: Mon, 29 Sep 2025 09:05:20 PM (IST)
Updated Date: Mon, 29 Sep 2025 10:02:41 PM (IST)
महिला पटवारी को हुई सजा।HighLights
- रिश्वत लेने वाली महिला पटवारी को 3 वर्ष का सश्रम कारावास
- नामांतरण की एंट्री करने के लिए उसने मांगे थे ढाई हजार रुपये।
नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। न्यायालय विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अरविंद सिंह टेकाम ने रिश्वत के मामले में फैसला सुनाते हुए रिश्वत लेने वाली जिले की महिला पटवारी कंचन तिवारी को तीन वर्ष का सश्रम कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है।
अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी एडीपीओ हरिप्रसाद बांके ने बताया कि ग्राम निशानिया तहसील हरसूद निवासी राहुल बांके ने 17 जनवरी 2020 को उसके गांव में पदस्थ महिला पटवारी कंचन तिवारी द्वारा रिश्वत मांगने की लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में शिकायत की थी।
महिला पटवारी उसके पिता से उसे प्राप्त कृषि भूमि का ऑनलाइन नामांतरण की इंट्री करने के एवज में 2500 रुपये रिश्वत की मांग कर रही थी।
फरियादी की शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त इंदौर ने निरीक्षक राहुल गजभिये के नेतृत्व में टीम गठित कर 20 जनवरी 2020 को महिला पटवारी के तहसील हरसूद स्थित कार्यालय भेजा था।
फरियादी के साथ मौजूद फरियादी से जैसे ही महिला पटवारी तिवारी ने रिश्वत राशि रुपये दो हजार रुपये अपने हाथों में लेकर बैग में रखते ही जैसे लोकायुक्त टीम ने उसे रंगेहाथों पकड़ लिया।
घटना की विवेचना पूरी होने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 30 जून 2023 को अभियोग पत्र विशेष न्यायालय लोकायुक्त खंडवा में पेश किया था। विचारण के बाद विशेष न्यायाधीश अरविंद सिंह टेकाम ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा सात क के अंतर्गत तीन वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है।
लोकायुक्त की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी खंडवा विनोद कुमार पटेल द्वारा पैरवी की गई। प्रकरण में साक्षियों को उपस्थित रखने में लोकायुक्त इंदौर के पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय के निर्देश पर आरक्षक कमलेश परिहार ने अहम भूमिका निभाई। जिले में महिला पटवारी द्वारा रिश्वत लेने और शासकीय महिला कर्मचारी को रिश्वत के मामले में सजा का यह पहला मामला है।