पढ़-लिखकर कुछ बनना है, घर में रहना असुरक्षित लग रहा है
नाबालिग ने दिए बाल कल्याण समिति को बयान, संरक्षण में लेकर वन स्टाप सेंटर में की काउंसलिंग
By gajendra.nagar
Edited By: gajendra.nagar
Publish Date: Sun, 13 Mar 2022 07:08:50 PM (IST)
Updated Date: Sun, 13 Mar 2022 07:08:50 PM (IST)

खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मुझे पढ़-लिखकर कुछ बनना है। परिवार में रहकर यह संभव नहीं है। माता-पिता जेल में हैं। घर में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रही हूं। इसलिए आप मुझे जहां उचित समझें वहां भेज सकते हैं।
कुछ इसी तरह के बयान टिगरिया की नाबालिग ने रविवार को न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष दिए। जिला अस्पताल स्थित वन स्टाप सेंटर में नाबालिग की काउंसलिंग न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के सदस्य नारायण बाहेती, पन्नाालाल गुप्ता, मोना दफ्तरी और विजय राठी ने की। इसके बाद नाबालिग की सहमति पर उसे समिति ने इंदौर बालिका गृह में रहने के लिए भेज दिया। खंडवा से सिटी चाइल्ड लाइन की टीम रविवार दोपहर करीब ढाई बजे नाबालिग को लेकर इंदौर के लिए रवाना हुई। बाल कल्याण समिति के सदस्य नारायण बाहेती ने बताया कि नाबालिग कक्षा नौंवी में पढ़ रही है। उसकी आगे की पढ़ाई इंदौर बालिका गृह में ही होगी। नाबालिग के बारे में समिति द्वारा समय-समय पर फालोअप लिया जाता रहेगा। विदित हो कि टिगरिया की इस नाबालिग को शनिवार बाल कल्याण समिति ने उसके घर से अपने संरक्षण में लिया था। इसके बाद से उसे जिला अस्पताल के वन स्टाप सेंटर में शरण दी गई थी। बाल कल्याण समिति को गुप्त सूचना मिली थी कि नाबालिग को उसके स्वजन महाराष्ट्र में बेचने की तैयारी में है। जब समिति द्वारा नाबालिग से संपर्क किया गया तो उसने भी कुछ इसी तरह की आशंका जताते हुए स्वयं को परिवार में असुरक्षित बताया। इसके बाद समिति ने उसे अपने संरक्षण में ले लिया था।
दो लाख में किया था माता-पिता ने सौदा
ग्राम टिगरिया में रहने वाले माता-पिता द्वारा नाबालिग बेटी का सौदा दो लाख रुपये में रतलाम के ओमप्रकाश से किया था। 50 हजार रुपये अग्रिम लेकर 12-13 फरवरी को आरोपित ओमप्रकाश के परिवार में नाबलिग को सौंप आए थे। तय हुआ था कि विवाह के समय बचे हुए डेढ़ लाख रुपये भी माता-पिता को दे दिए जाएंगे। इसी दौरान गांव के किसी व्यक्ति ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर काल करके नाबालिग को बेचे जाने की सूचना दी थी। इस सूचना के आधार पर चाइल्ड लाइन टीम और बाल कल्याण समिति सदस्यों ने जानकारी जुटाई। पहले सदस्यों ने रिश्तेदार के घर नाबालिग के होने की बात कहते हुए गुमराह किया था। बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने रतलाम चाइल्ड लाइन टीम से संपर्क करके ओमप्रकाश के घर नाबालिग के होने की जानकारी निकाली। इसके बाद 19-20 फरवरी को रतलाम से नाबालिग को रेस्क्यू कर खंडवा लाया गया। स्वजनों के कथन व नाबालिग के बयान के आधार पर 9 मार्च को कोतवाली पुलिस ने नाबालिग के माता-पिता, दो बिचौलियों व नाबालिग का सौदा करने वाले ओमप्रकाश तथा उसके पिता पर मामला दर्ज किया था। सभी की गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
फिर सौदा करने की तैयारी
माता-पिता के जेल जाने के बाद नाबालिग का पारिवारिक पुनर्वास बाल कल्याण समिति द्वारा कर दिया गया था। परिवार में नाबालिग के पहुंचते ही उसे दोबारा बेचने की तैयारी चल रही थी। बाल कल्याण समिति को सूचना मिलने पर उसे संरक्षण में ले लिया गया। यहां से काउंसलिंग के बाद उसे इंदौर के बालिका गृह में भेज दिया गया।