नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। इंदौर-ऐदलाबाद नेशनल हाईवे पर मोरटक्का के नर्मदा पुल से भारी वाहनों की आवाजाही फिर शुरू हो गई है। इनमें 80 टन से अधिक वजनी भार वाहन भी शामिल हैं। जबकि पुल उम्रदराज होने और बीच के पिलर कमजोर होने से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएचएआई) ने 20 टन से अधिक भार वाले वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा रखा है। बताया जाता है कि यह स्थिति कलेक्टर खंडवा के एक आदेश के बाद बनी है।
जिसमें कलेक्टर ने सावन माह में व्यावसायिक भारी वाहनों पर लगा प्रतिबंध हटाने की बात कही है, लेकिन आदेश की भाषा से उपजे संशय के कारण 20 टन से अधिक भार वाले वाहन भी बेरोकटोक निकल रहे हैं। इनसे नर्मदा पुल पर अनहोनी हो सकती है। जिससे खंडवा और बुरहानपुर का इंदौर से सीधा सड़क संपर्क बाधित हो जाएगा।
जिले में नर्मदा नदी पर बना करीब 75 साल पुराना मोरटक्का पुल दो साल पहले नर्मदा में आई बाढ़ के कारण कमजोर हो गया था। एनएचएआइ ने एसजीआइटीएस इंदौर के विशेषज्ञों से इसकी जांच करवाई थी। जांच कमेटी में शामिल प्रोफेसर डा. विजय रोड़े, डा. एमके लघाटे, प्रोफेसर विवेक तिवारी ने मोरटक्का पुल का लोड टेस्टिंग कर बारीकी से जांच की थी।
उनकी अनुशंसा पर इंदौर संभागायुक्त ने 20 टन से अधिक क्षमता वाले बी-कैटेगरी के भारी वाहनों की पुल से आवाजाही प्रतिबंधित कर दी थी। ऐसे में इंदौर से महाराष्ट्र जाने वाले भारी वाहनों को तेजाजी नगर (इंदौर) से देशगांव तक आवाजाही थम गई थी। इस आदेश के पालन के लिए मोरटक्का पुल के एक ओर खंडवा और दूसरी ओर खरगोन पुलिस द्वारा बेरियर लगाकर आदेश का पालन करवाया जा रहा था।
23 सितंबर को कलेक्टर ऋषव गुप्ता द्वारा नर्मदा पुल से भारी वाहनों के प्रवेश पर लगी रोक को निरस्त करने पर पुल की सुरक्षा के लिए बने जांच प्वाइंट और नाकों को पुलिस ने हटा दिया है। पुल से हाईवे निर्माण के लिए 80 टन से अधिक वजनी हाइवा और डंपर गुजरने की मांग ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन लंबे समय से कर रहा था।
इसके लिए चैंबर ऑफ कामर्स के माध्यम से कलेक्टर से प्रतिबंध हटवाने के प्रयास भी हुए, लेकिन एनएचएआई और संभागायुक्त के आदेश की वजह से कोई राहत नहीं मिल सकी थी। अब कलेक्टर के मौजूदा आदेश से ट्रांसपोटर्स की मुराद पूरी हो गई हैं। इधर जानकारों का कहना है कि 20 टन से अधिक वजन वाले वाहनों की आवाजाही पुल के लिए खतरनाक हो सकती है।
मोरटक्का पुल पर भारी वाहनों के प्रतिबंध से डीजल-पेट्रोल के टैंकरों की आवाजाही भी रोक दी गई थी। इंदौर से आने वाले टैंकर धामनोद से घूमकर आने के कारण पेट्रोल पंप संचालकों की मांग पर कंपनियों ने खंडवा और बुरहानपुर में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए थे।
इसे देखते हुए 18 मार्च 2024 को इंदौर के तत्कालीन कमिश्नर दीपक सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनएचएआइ और पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों की मौजूदगी में मोरटक्का पुल से 20 टन से ज्यादा वजन होने पर पुल से एक-एक कर टैंकर सुबह आठ बजे से पहले निकलने का समय भी निर्धारित किया था।
एक सप्ताह पहले सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के साथ कलेक्टर ऋषव गुप्ता के साथ चैंबर आफ कामर्स के पदाधिकारी व ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें मोरटक्का स्थित नर्मदा नदी पर बने पुराने पुल को सभी वाहनों के लिए खोलने की मांग की गई थी। इस पर कलेक्टर खंडवा ने पुल को प्रतिबंध मुक्त करने के आदेश जारी किए हैं। इसके बाद से सभी वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई है। वैसे बैठक में प्रतिबंध के बावजूद भी रात में 20 टन से अधिक वजनी वाहन सांठगांठ कर निकलने की बात उठी थी।
नर्मदा पुल संकरा और कमजोर होने से मोरटक्का में नए पुल का निर्माण चल रहा है। पुराने पुल से 20 टन से अधिक भारी वाहन प्रतिबंधित हैं। कलेक्टर ने आदेश को निरस्त किया है। पुल से 20 टन से भारी वाहन निकल रहे हैं तो मैं दिखवाता हूं। - आशुतोष सोनी, परियोजना निदेशक, एनएचएआई खंडवा
सावन माह के दौरान कांवड़ यात्रा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर समस्त व्यावसायिक श्रेणी के भारी वाहनों की इंदौर से देशगांव तक आवाजाही पर रोक लगाई थी। इस आदेश को निरस्त किया है। पूर्व में नर्मदा पुल को लेकर जारी आदेश मेरी जानकारी में नहीं है।- ऋषव गुप्ता, कलेक्टर खंडवा