नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। भारत सरकार के जल शक्ति अभियान 'कैच द रेन' के तहत शुरू की गई जल संचय, जन भागीदारी पहल में खंडवा जिले ने जल संरक्षण के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वहीं, राज्यों की श्रेणी में देश में मध्य प्रदेश चौथे नंबर पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल प्रबंधन के समग्र दृष्टिकोण के तहत इस अभियान का उद्देश्य वर्षा जल संचयन और सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना है। इसका मंत्र है- जहां गिरे, जब गिरे-वर्षा का जल संचित करें।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डा. नागार्जुन बी. गौड़ा ने बताया कि जिले में इस अभियान के अंतर्गत मनरेगा, 15वां वित्त आयोग, पांचवां वित्त आयोग, कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व और विशेष रूप से जनसहयोग के माध्यम से 1,29,046 से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण और पंजीकरण किया गया है। इनमें 12 हजार 750 रिचार्ज पिट, 1,500 रिचार्ज शाफ्ट, 23,570 डगवेल, 5,780 बोल्डर चेकडैम, 1,256 बोल्डर वाल, 3,960 बोरी बंधान, 7,455 पत्थर, मिट्टी के फील्ड बंधान, पांच हजार 500 गली प्लग, 3,269 नाला ट्रेंच, 6,528 हैंडपंप रिचार्ज, 39 हजार रूफटॉप वॉटर हार्वेस्टिंग, 58 चेकडैम, स्टापडैम, तालाब, 4800 पोखर तालाब, 2275 ड्रेन वर्क, 1500 खेत तालाब, 68 कंटूर ट्रेंच, 750 सूखे बोर रिचार्ज, 2462 जीर्णोद्धार कार्य और 6560 अन्य जल संरक्षण संरचनाएं शामिल हैं।
इसके साथ खंडवा केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की रैंकिंग सूची में नंबर वन रहा है। यह अभियान 6 सितंबर 2024 को जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग द्वारा शुरू किया गया। यह कम लागत और वैज्ञानिक तरीकों से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसका मुख्य लक्ष्य सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से जल संकट और भूजल ह्रास जैसी चुनौतियों का समाधान करना है। जिले ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। इसमें न केवल भूजल स्तर में सुधार हुआ है बल्कि वर्षा जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित कर भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा को मजबूत किया गया है।
केंद्र सरकार के जलशक्ति जनभागीदारी पोर्टल पर रविवार को रैंकिंग जारी की गई। इसमें खंडवा को पहला स्थान दर्शाया गया। जिला पंचायत सीईओ डॉ. नागार्जुन बी गौड़ा ने बताया कि अभियान 6 महीने से चल रहा था। शनिवार को समाप्त हुआ और रविवार सुबह पोर्टल पर रैंकिंग जारी हुई। छह महीने तक जिले की पूरी प्रशासनिक टीम ने मेहनत की। जिला प्रशासन, स्थानीय समुदायों और विभिन्न संगठनों के सहयोग से यह अभियान जल संरक्षण के लिए जन आंदोलन बन गया है। अभियान के तहत निर्मित संरचनाएं जैसे बोरवेल रिचार्ज सिस्टम, रूफटॉप वर्षा जल संचयन और जलाशयों का पुनरुद्धार, दीर्घकालिक और सतत जल प्रबंधन को बढ़ावा दे रही हैं। जिले के कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कहा कि इस सफलता में जिले की पूरी टीम की मेहनत रही है। अभी बहुत काम करना शेष है। अंतिम लक्ष्य है खंडवा की हर एक पक्की छत पर रुफ वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हो।