खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर में हादसों को न्योता दे रहे जर्जर भवनों को गिराने में नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। हर साल मकान मालिकों को नोटिस देने की खानापूर्ति कर दी जाती है लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। यही नहीं नगर निगम के ही भवन अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं। कार्यालयों मे छत के प्लास्टर गिरने से कर्मचारियों में भी हादसों का खतरा बढ़ रहा है।
व्यस्ततम क्षेत्रों और गलियों में वर्षों पुराने जर्जर मकान आसपास के लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। बारिश नजदीक आते ही लोगों में इन मकानों के गिरने का खतरा मंडराने लगता है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों को ऐसे जर्जर मकानों की जानकारी नहीं है। बावजूद इन्हें गिराने में रुचि नहीं दिखाई जा रही है। खड़कपुरा क्षेत्र, कहारवाड़ी, हरिगंज, पड़ावा और बुधवारा क्षेत्र में ऐसे जर्जर मकान आसानी से देखे जा सकते हैं। इधर शिवाजी चौक स्थित वाटर वर्क्स के पास ही नगर निगम का खस्ताहाल भवन गिरने की कगार पर आ गया है। यहां से रोजाना स्कूली विद्यार्थियों का आवागमन रहता है। वर्षों से वीरान पड़े इस भवन को भी नहीं ढहाया जा रहा है। वाटर वर्क्स में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि इस संबंध में नगर निगम के भवन विभाग के इंजीनियरों को सूचना दे दी है लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
छत का प्लास्टर गिरा, बाल-बाल बचे कर्मचारी
सिविल लाइन स्थित नगर निगम के भवन विभाग में जनकार्य एवं उद्यान विभाग के कार्यालय में मंगलवार को छत का प्लाटर गिरने से हड़कंप मच गया था। हैरानी की बात यह रही कि बुधवार को दूसरे दिन तक नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को इस घटना की सूचना तक नहीं लगी। गनीमत रही कि जिस दौरान प्लाटर गिरा यहां कार्यालय में कोई मौजूद नहीं था। प्लाटर गिरने से टेबल फेन टूट गया। वहीं टेबल कुर्सी पर मलबा फैल गया। इसे बाद में कर्मचारियों द्वारा साफ किया गया।
- लगभग 20 से 21 मकान जर्जर हैं जिन्हें गिराया जाना है लेकिन कोर्ट संबंधी विवाद के चलते कार्रवाई नहीं हो रही है। जनकार्य एवं उद्यान विभाग के कार्यालय की छत का प्लाटर गिरने की जानकारी मुझे नहीं है। वाटर वर्क्स के पास भी जर्जर भवन है तो कार्रवाई करेंगे।
- वर्षा घिडोडे, एई, नगर निगम