
खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। मंडी में सोयाबीन की नीलामी से पहले नमी की जांच के लिए माश्चर मशीन नहीं है। किसान की उपज की बोली लगाने वाले व्यापारी मुंह में दाना चबाकर देखने के बाद नमी का अनुमान लगा रहे हैं। इसके बाद किसान की उपज का भाव तय हो जाता है। व्यापारी के कहे अनुसार किसानों को मानना पड़ता है कि उसकी सोयाबीन में अधिक नमी है इसलिए कम भाव मिल रहे हैं।
कृषि उपज मंडी में इन दिनों नई सोयाबीन की आवक बढ़ रही है लेकिन किसानों को उपज का भाव मन मुताबिक नहीं मिल रहा है। इसका कारण व्यापारी सोयाबीन में आ रही नमी को बता रहे हैं। किस किसान की सोयाबीन में कितनी नमी है इसका गणित भी व्यापारियों द्वारा ही लगाया जाता है। मुंह में दाना चबाते ही नमी का परीक्षण हो जाता है। मंडी में शुक्रवार को 855 क्विंटल सोयाबीन की आवक हुई। नमी के आधार पर ग्राम पोखर के किसान जगदीश की उपज ही केवल 6081 रुपये क्विंटल में नीलाम हुई। जबकि खैगांवड़ा के किसान मोहन की उपज 5717 रुपये क्विंटल में बिकी। इसी तरह भैरुखेड़ा के महेश की सोयाबीन 5715 रुपये में नीलाम हुई। खेड़ी के गुलाबचंद पटेल की उपज 5676 रुपये क्विंटल और भैरुखेड़ा के किसान रमेश पटेल की उपज 5725 रुपये क्विंटल में व्यापारियों ने नमी के आधार पर खरीदी। वहीं कुछ किसानों की उपज नीलामी के दौरान व्यापारियों ने निम्नतम तीन हजार रुपये क्विंटल में खरीदी। मंडी में उपज लेकर आए किसानों ने कहा कि व्यापारी नमी अधिक बताकर सोयाबीन के भाव कम लगा रहे हैं। भैरुखेड़ा के किसान महेश ने कहा कि छह हजार रुपये क्विंटल तक उपज बिकने की उम्मीद थी लेकिन व्यापारियों ने जो बोली लगा दी उस आधार पर बेचना पड़ा। उपज लेकर वापस जा नहीं सकते क्योंकि ट्रैक्टर-ट्राली भाड़े से लेकर आते हैं।
मंडी में उपज की आवक और भाव
कृषि उपज मंडी में शुक्रवार को सोयाबीन की आवक 855 क्विंटल रही। अधिकतम भाव 6081 रुपये क्विंटल, न्यूनतम तीन हजार रुपये और माडल भाव 5505 रुपये क्विंटल रहा। गेहूं की आवक 1680 क्विंटल हुई। अधिकतम भाव 2010 रुपये क्विंटल, न्यूनतम 1758 रुपये और माडल भाव 1873 रुपये क्विंटल रहा। इसी तरह मक्का उपज 460 क्विंटल आई। भाव अधिकतम 1770, न्यूनतम 1700 तथा माडल 1751 रुपये क्विंटल रहे। चना 165 क्विंटल आया। भाव अधिकतम 4925 रुपये, न्यूनतम 4731 रुपये, माडल 4760 रुपये क्विंटल रहे।
मंडी में दलहनों की नमी जांचने के लिए माश्चर मशीन है। सोयाबीन के लिए मशीन उपलब्ध नहीं है। व्यापारी मुंह में दाना चबाकर नमी पता कर लेते हैं और उसी के आधार पर किसान की उपज का भाव तय करते हैं।
- नारायण दशोरे, प्रभारी, कृषि उपज मंडी