खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पति का गला घोटकर शव को फांसी के फंदे पर लटकाने का मामला सामने आया है। वारदात को पत्नी ने अंजाम दिया। पति की हत्या करने के बाद उसने साड़ी का फंदा बनाकर शव को उस पर लटका दिया था। ताकि देखने वालों को यह आत्महत्या लगे। पत्नी से सच उगलवाने में पुलिस को करीब तीन दिन लग गए। आरोपित को पुलिस ने एक दिन की रिमांड पर लिया है। घटना ग्राम चांदेल फाटा की है।
ग्राम चांदेल फाटा में 14 जनवरी को 36 वर्षीय गोयेंद्र का शव घर के अंदर फांसी पर लटका मिला था। 34 वर्षीय पत्नी मनीषा ने स्वजनों को पति गोयेंद्र द्वारा आत्महत्या किए जाने की जानकारी दी थी लेकिन जब पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू की तो यह बात सामने आई की गोयेंद्र की गला घोटकर हत्या की गई है। इसके बाद पुलिस ने पत्नी मनीषा से पूछताछ की लेकिन वह बार-बार यह दोहराती रही कि पति ने साड़ी के फंदे से लटकर आत्महत्या की है। करीब 3 दिन की मशक्कत के बाद पुलिस ने रविवार को मनीषा के मुंह से सच उगलवा लिया। घटना के समय 14 जनवरी को गोयेंद्र और मनीषा घर पर अकेले थे। गोयेंद्र के तीन बच्चे हैं, जो उनके मामा के यहां रहते हैं। परिवार के अन्य लोग गांव में ही अलग दूसरी जगह रहते हैं। घटना वाले दिन गोयेंद्र और मनीषा के बीच विवाद हो गया था। गोयेंद्र शराब के नशे में था। विवाद के दौरान दोनों में मारपीट हो गई। इस बीच मनीषा ने पति देवेंद्र को नीचे गिरा दिया। इसके बाद उसने चूल्हे के पास पड़ी दो फांके वाले लकड़ी से पति को गला घोट दिया था।
आत्महत्या की कहानी रची
हत्या करने के बाद मनीषा ने पति गोयेंद्र की आत्महत्या की कहानी रची। उसने पति के शव को साड़ी का फंदा बनाकर घर के अंदर लटका दिया जिससे लोगों को देखने पर लगे कि उसने आत्महत्या की है। फांसी के फंदे पर शव को लटकाने के बाद वह चीख-पुकार करते हुए गांव में अपने सास-ससुर के पास पहुंची। उनको बताया कि गोयेंद्र ने आत्महत्या कर ली है। इस मामले में पुनासा चौकी पुलिस ने मर्ग कायम किया था। चौकी प्रभारी सुसा परते ने बताया कि आरोपित महिला को गिरफ्तार कर उस पर हत्या की धारा 302 में प्रकरण दर्ज किया गया है। आरोपित मनीषा से पूछताछ की जा रही है।
आए दिन पति करता था विवाद
मामले की जांच करने के दौरान यह बात सामने आई है कि मनीषा और गोयेंद्र के बीच आए दिन विवाद होता रहता था। गोयेंद्र शराब पीने का आदी था। विवाद के चलते मनीषा बच्चों को लेकर मायके चली गई थी। करीब सात माह पहले ही वह सुसराल आई थी। उसने बच्चों को मायके में छोड़ दिया था। गांव में पति गोयेंद्र के साथ वह रह रही थी।