Khandwa News: खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पांच साल से घर से लापता एक युवक का आधार कार्ड उसके स्वजन से दोबारा मिलने का आधार बन गया। लापता युवक को उसके स्वजन से मिलाने के लिए पुलिस-प्रशासन ने भी सक्रिय भूमिका निभाई और हर चुनौती का सामना किया।
मामला वर्ष 2018 से शुरू हुआ था, जो एक सितंबर 2023 को पूर्ण हुआ। जन साहस टीम के फील्ड आफिसर अखिलेश गोलकर ने बताया कि रंजीत उर्फ बबलू निवासी ग्राम निशानिया 2018 से घर से लापता था। गुमशुदगी हरसूद थाने में दर्ज करवाई थी। बबलू मंदबुद्धि था। किसी ने उससे मजाक में कह दिया कि तेरे माता-पिता तीर्थ यात्रा पर चले गए। इतना सुनते ही बबलू हरसूद से ट्रेन में बैठ गया।
उसे यह भी पता नहीं था कि ट्रेन कहां जाएगी। और बिहार के मुजफ्फरपुर उतरा। भूखा-प्यासा बबलू भोजन की तलाश में एक होटल पर पहुंचा। होटल वाले ने पता पूछा तो कुछ बता नहीं पाया। होटल वाले ने उसे अपने पास रख लिया। 2018 से 2020 तक बबलू होटल पर काम करता रहा।
गोलकर के अनुसार वर्ष 2020 में उस होटल पर मधुबनी जिले की एक महिला पहुंची, जिसका बालक घर से लापता था। महिला को बबलू अपने बालक की तरह नजर आया। होटल वाले को बताकर वह बबलू को अपने गांव नवटोली ले गई। इसके बाद से बबलू वहीं रह रहा था। महिला कुछ समय पहले बबलू का आधार कार्ड अपडेट कराने गई तो वहां से अपडेट का लेटर बबलू के पुराने पते पर पहुंच गया।
पहली बार वाया पोस्ट अपडेट आधार कार्ड बबलू के पुराने पते पर ग्राम निशानिया पहुंचा, लेकिन तब स्वजन ने ध्यान नहीं दिया। जब दोबारा आया तो सचेत हुए और पुलिस थाने पहुंचे। हरसूद टीआइ ने आधार के मोबाइल नंबर पर बात की फिर पुलिस टीम बिहार पहुंची। वहां महिला ने प्रमाण मांगा तो टीम प्रमाण लेने वापस आ गई।
खंडवा कलेक्टर अनूप कुमार सिंह और एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल के संज्ञान में मामला आया तो 12 सितंबर को उनके निर्देश पर पुलिस प्रशासन की टीम बिहार के लिए दोबारा रवाना हुई, परंतु उक्त महिला ने बबलू को उन्हें सौंपने से इंकार कर दिया। इसके बाद टीम वहां के पुलिस थाने पहुंची।
गोलकर के अनुसार जब वहां की पुलिस टीम बबलू को लेने नवटोली पहुंची तो ग्रामीणों ने पुलिस को ही बंधक बना लिया। इस पर 10 थानों की टीम पहुंची। फिर भी ग्रामीणों ने पुलिसवालों को नहीं छोड़ा। इसलिए जिले की टीम वहां हाईकोर्ट में डीएनए करवाने का बोलकर वापस आ गई। इसके बाद 24 सितंबर को खंडवा की टीम को वहां के प्रशासन ने बुलवाया और औपचारिकता पूरी कर बबलू को सौंप दिया गया।