Khandwa News: नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों की ध्वनि को मशीन से मापने का सिलसिला जिला प्रशासन की टीम ने रविवार से शुरू कर दिया। ध्वनि मापक यंत्र लेकर एसडीएम, एएसपी सहित अन्य अधिकारियों की टीम धार्मिक स्थलों पर पहुंचीं। इस दौरान जांच के दौरान कहीं लाउड स्पीकर की ध्वनि निर्धारित मापदंडों के मुताबिक सही मिली तो कहीं अधिक पाई गई।
अधिकारियों की टीम ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। रविवार दोपहर को खंडवा के कोतवाली थाने में एसडीएम अरविंद चौहान, ग्रामीण एएसपी राजेश रघुवंशी, एएसपी महेंद्र तारानेकर ने डीसीबल चेक करने वाले यंत्र का डेमो सायरन की आवाज पर चेक किया। इसके बाद टीम का गठन करके शहर में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउड स्पीकर की आवाज की क्षमता की जांच की।
इसमें कुछ स्थानों पर डिसिबल सामान्य तो कुछ स्थानों पर अधिक मिलने पर एसडीएम चौहान व सीएसपी अरविंद तोमर ने डिसिबल के संबंध में दिशा-निर्देश तय किए गए। कहारवाड़ी में अमला देखकर अचानक से लोगों की भीड़ लगने लगी रहवासी समझे कुछ बड़ी कार्रवाई पर टीम आई है।
सीएसपी अरविंद तोमर ने कुछ लोगों को बुलाकर बात की और कहा कि हमें लाउड स्पीकर का डिसिबल जानना है। इसे चालू करवा दो। धार्मिक स्थल पर लाउड स्पीकर चालू कराया गया। एसडीएम ने डिसिबल की सीमा तय करते हुए बताया कि आप लोग इतनी आवाज ही रखना। इसके चलने से किसी को कोई परेशानी नहीं होगी।
सेंट्रल पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने चार अलग इलाकों के आधार पर साउंड के मापदंड तय किए हैं। इसमें कमर्शियल, रेसिडेंशियल, साइलेंस और इंडस्ट्रियल इलाके शामिल हैं। इंडस्ट्रियल इलाके में आवाज का पैमाना 75 डिसिबल और रात के वक्त 70 डिसिबल निर्धारित किया गया है। साइलेंस जोन में दिन के वक्त 50 डिसिबल और रात के वक्त 40 डिसिबल की आवाज सीमा तय है।
वहीं, कमर्शियल इलाके में लाउड स्पीकर बजाने के लिए दिन के वक्त 65 और रात के वक्त 55 डिसिबल की साउंड स्पीड तय की गई है, जबकि रिहायशी इलाके में दिन में 55 और रात में 45 डिसिबल स्पीड से लाउड स्पीकर बजाया जा सकता है।
इन नियमों का उल्लंघन करने पर कारावास और जुर्माना दोनों का प्रावधान है। एंवायरमेंट (प्रोटेक्शन) एक्ट, 1986 के तहत इन नियमों का उल्लंघन करने पर पांच साल की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।