ओंकारेश्वर (नईदुनिया न्यूज)। तीर्थनगरी का सरकारी अस्पताल सुविधाओं को तरस रहा है। पोस्टमार्टम रूम स्कूल के निकट बना होने से इसे बस्ती के पास सर्व सुविधा युक्त बनाने की मांग हो रही है। बस्ती से दूर तथा खस्ताहाल होने से चिकित्सकों को खुले आसमान के नीचे व अस्पताल में पोस्टमार्टम करना पड़ रहा है।
सिंहस्थ के दौरान शासन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सिविल अस्पताल का दर्जा दे दिया है, लेकिन सुविधा के अभाव में मरीजों को अभी भी बाहर रेफर किया जा रहा है। नर्मदा नदी में डूबने तथा सड़क दुर्घटना आकस्मिक होने वाली घटना दुर्घटना में संसाधनों की कमी तथा पोस्टमार्टम रूम जर्जर होने से पोस्टमार्टम में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समाजसेवी नवल किशोर शर्मा ने कहा कि प्रसादम योजना के तहत करोड़ों रुपया खर्च किया जा रहा है जबकि यहां ना घाटों की स्थिति अच्छी है ना सिविल अस्पताल की। मांधाता थाने में दम तोड़ने वाले बाइक चोर के आरोपित के पोस्टमार्टम में प्रशासनिक व स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते रात्रि आठ बजे तक इंतजार करना पड़ा। पोस्टमार्टम रूम जंगल में होने के कारण कोई सुविधा व प्रकाश व्यवस्था नहीं होने से सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करना पड़ा जो जांच का विषय है। नागरिकों ने जनप्रतिनिधियों से आमजन ने स्वास्थ्य की मूलभूत आवश्यकताएं चिकित्सालय में उपलब्ध कराने की मांग की है। समाजसेवियों ने मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में पत्र प्रेषित कर आवश्यक मूलभूत सुविधाएं ओंकारेश्वर तीर्थनगरी को देने की मांग की है। शासकीय सिविल अस्पताल के डा. रवि वर्मा ने बताया कि पोस्टमार्टम रूम बहुत पुराना है।, उसके स्कूल होने से बच्चे असहज महसूस करते है। यह बस्ती से दूर होने से नये भवन के लिए टेंचिंग ग्राउंड के पास में पोस्टमार्टम घर बनाया जाना प्रस्तावित है। स्वीकृति प्राप्त होते ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।