Khandwa Railway News: खंडवा (नईदुनिया प्रतिनिधि)। तीन पुलिया फ्लाई ओवरब्रिज का निर्माण कार्य साढ़े तीन साल में भी पूरा नहीं हो सका है। मुख्य सड़कों के पास तीन तरफ से पिलर खड़े हो चुके हैं। दो भाग में फ्लोर तक काम पूरा है। इस ओवरब्रिज को रेल पाथ के उस पार ले जाते हुए मिलाया जाना है। रेलवे द्वारा अपने हिस्से के क्षेत्र में अनुमति में देरी से यह कम अटका हुआ है। पिछले 15 दिनों से ड्राइंग-डिजाइन संबंधित एक फाइल नांदेड़ मंडल के सिकंदराबाद कार्यालय में अटकी हुई है। वहीं भुसावल डीआरएम द्वारा अनुमोदित पिलर लीज की फाइल मुंबई से आगे नहीं बढ़ सकी है। मुंबई से यह फाइल दिल्ली रेल मंत्रालय तक जाना है। सेतु निगम के अधिकारी अब सांसद से मदद लेकर कार्य पूरा कराने की कोशिश में लगे हैं।
नांदेड़ रेल मंडल द्वारा ड्राइंग-डिजाइन को अनुमति प्रदान नहीं की जा रही है जबकि 15 दिन पहले मंडल के अधिकारी सर्वे पूरा करके गए हैं। छह महीने में करीब 12 बार रिमाइंडर दिए जाने के बाद भी सेतु निगम को सेंट्रल रेलवे ने जीएडी (जनरल अरेंजमेंट आफ ड्राइंग) की अनुमति नहीं दी। शहर के दोनों हिस्सों को जोड़ने वाले एक मात्र रेलवे ओवरब्रिज पर वाहनों का दबाव बढ़ चुका है। इससे जाम सहित लगातार हादसे हो रहे हैं।
तीन साल से यातायात का अतिरिक्त दबावःतीन पुलिया फ्लाई ओवरब्रिज के निर्माण के बाद से यातायात व्यवस्था पर दबाव बढ़ा है। गणेश तलाई की तरफ डाइवर्सन वाले मार्ग के बदहाल होने से रेलवे ओवरब्रिज से वाहन गुजरते हैं। इससे ब्रिज पर दबाव बढ़ा है। शहर को जोड़ने वाला यह एकमात्र ब्रिज है। 16 जून से स्कूलों का संचालन शुरू होगा। इससे रेलवे ओवरब्रिज पर फिर से दबाव बढ़ेगा।
14 पिलरों की देना है अनुमतिःरेलवे की जमीन पर लगभग 300 मीटर का निर्माण होना है। इसमें 14 पिलर बनाए जाएंगे। यह ओवरब्रिज भुसावल व नांदेड़ मंडल क्षेत्र में आ रहा है। अधिकारियों के अनुसार भुसावल मंडल से तो अनुमति मिल गई है लेकिन नांदेड़ मंडल से अनुमति मिलने में देरी हो रही है। लगभग छह माह से सेतु निगम द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।
फैक्ट फाइलः
2018-में शुरू हुआ तीन पुलिया ब्रिज का निर्माण
1- किलोमीटर लंबाई के रहेंगे तीनों हिस्से
2- साल में ब्रिज का कार्य होना था पूरा
51-करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाना है ब्रिज
36-पिलर हो चुके हैं तैयार
14- पिलर रेलवे की जमीन पर होना है तैयार
300- मीटर क्षेत्र में सेंट्रल रेलवे से ड्राइंग-डिजाइन की अनुमति रुकी।
वर्जन-
रेलवे के नांदेड़ मंडल से अनुमति की लगातार कोशिश कर रहे हैं। अनुमति मिलने के बाद ही ब्रिज को उस तरफ वाले हिस्से से मिलाया जा सकेगा। इसके साथ ही रेलवे की जमीन पर 14 पिलर बनाने के लिए लीज दस्तावेज मुंबई भेजे गए हैं। यहां से यह दिल्ली नहीं पहुंचे हैं। सांसद महोदय का सहयोग लेकर यह कार्य जल्द कराने की कोशिश करेंगे।
राजेंद्र वाघे, एसडीओ, सेतु निगम