नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। खंडवा में दुर्गा विसर्जन के दौरान 11 लोगों की मौत के बाद परिवार सदमे में था। शुक्रवार दोपहर को मृतकों का अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान दो दिन तक उनके घर चूल्हा नहीं जल पाया। लोग दो दिन से भूखे थे, प्रशासन तक बात पहुंची लेकिन अफसरों ने ध्यान नहीं दिया। कंट्रोल दुकान से राशन बंटवा दिया लेकिन बात भोजन की थी। जब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को शिकायत मिली तो उन्होंने अपने नेताओं से कहा, जिन्होंने देर रात पीड़ितों को घर जाकर भोजन बांटा।
आदिवासी समाज के मृतकों के अंतिम संस्कार के दौरान जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह से लेकर सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, पंधाना विधायक छाया मोरे, खंडवा विधायक कंचन तनवे, मांधाता विधायक नारायण पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष राजपालसिंह तोमर सहित कई नेता और आईजी-डीआईजी स्तर के पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। उन्होंने घर जा-जाकर मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी। बाद में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी पहुंचे लेकिन उन्होंने भी सरकारी नियम के हिसाब से मिलने वाली राहत राशि की बात की और बाकी मुद्दों पर चुप्पी साध ली।
जिला कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता प्रेमांशु जैन ने बताया कि जिस दिन यह घटना हुई उस दिन दशहरा पर्व था, उसके बावजूद जिला कांग्रेस अध्यक्ष उत्तमपाल सिंह द्वारा संवेदनशीलता दिखाते हुए अपने परिवार के साथ पर्व नही मनाया और पीड़ितों की सहायता में गांव में तत्परता से लगे रहे और उनसे जो मदद बनी, क्षेत्रवासियों एवं कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर मदद की। पीड़ित परिवारों को भोजन न मिलने के सवाल पर जीतू पटवारी ने कहा कि सीएम के दौरे को लेकर नेताओं और अफसरों की चिंता जायज है। भोजन नहीं मिला तो हम बुलवा रहे हैं। जीतू पटवारी बुलेट पर बैठकर राजगढ़ गांव पहुंचे, जहा पीड़ित परिवारों से मिलकर सांत्वना प्रदान की।
इस दौरान जीतू पटवारी ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष उत्तमपाल सिंह से कहा कि मैं पैसे देता हूं, गांव में भोजन के पैकेट बनवाकर प्रत्येक परिवार को भिजवा दीजिए। जिलाध्यक्ष उत्तमपाल सिंह ने कहा कि आप पेमेंट का रहने दीजिए, हमारे स्तर से करवा देंगे। इधर, होटल वाले के पास कारीगर न होने के कारण भोजन बनाने में देरी हो गई। देर रात करीब 200 पैकेट भोजन लेकर कांग्रेस नेता सत्येंद्रसिंह दीवाल, संदीपसिंह दीवाल, देवेंद्रसिंह और धर्मेंद्रसिंह उमरदा गांव पहुंचे और घर-घर भोजन के पैकेट भिजवाए। बता दें कि, सत्ताधारी दल के कई नेता वहां फोटो शूट करने के लिए बाइक पर सवार होकर लोगों घरों तक पहुंचे थे।