नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। मांधाता थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम इनपुन पुनर्वास में मंगलवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें दो युवकों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ये दोनों युवक कुछ दिन पहले देवास जिले के चोपड़ा गांव की दो युवतियों को भगाकर ले गए थे।
स्वजन जब दोनों युवकों और लड़कियों को वापस गांव लेकर आए, तो चारों को अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि समाज की पंचायत बैठने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही युवकों ने मौका पाकर कमरे की रोशनदान से फांसी लगा ली।
मृतकों की पहचान 18 वर्षीय मनीष पुत्र रमेश गिरी और 18 वर्षीय लकी पुत्र राजू गिरी के रूप में हुई, जो इनपुन पुनर्वास के निवासी हैं। पुलिस ने मर्ग कायम कर दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
मनीष और लकी करीब 4-5 दिन पहले दो लड़कियों को भगाकर चेन्नई चले गए थे। वहां से वे भोपाल पहुंचे और स्वजनों से बातचीत के बाद उन्हें घर बुलाया गया। क्षिप्रा तक दोनों युवक और युवतियां बस से पहुंचे, जहां से परिजन उन्हें कार में बैठाकर गांव लेकर आए। गांव में जितेंद्र नामक व्यक्ति के घर पर चारों को लाया गया और सुबह 3-4 बजे के बीच सभी को अलग-अलग कमरों में बंद कर दिया गया।
मनीष और लकी को एक कमरे में बंद किया गया था, जबकि युवतियों को दूसरे कमरे में रखा गया। दरवाजे बाहर से बंद कर दिए गए थे। बताया जा रहा है कि घर के बाहर समाज के लोग और परिजन पंचायत के लिए एकत्रित हो रहे थे। कुछ समय बाद जब परिजन कमरे में झांकने गए, तो देखा कि दोनों युवक रोशनदान से रस्सी के सहारे फांसी के फंदे पर झूल रहे हैं।
आनन-फानन में दोनों को नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। आसपास के लोग और मोहल्लेवाले भी मौके पर इकट्ठा हो गए। पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद मोरटक्का चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
मोरटक्का चौकी प्रभारी लखन डावर ने बताया कि मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या युवकों पर किसी प्रकार का दबाव था या उन्हें धमकाया गया था।