नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। मध्य प्रदेश में खंडवा-भुसावल के बीच रेलवे पटरी पर सेना विशेष ट्रेन गुजरने के दौरान 10 डेटोनेटर (पटाखे) में धमाके की घटना से रेलवे में खलबली है। ये डेटोनेटर ट्रेन को इमरजेंसी में रोकने में उपयोग किए जाते हैं। 18 सितंबर को दोपहर 1.58 बजे जम्मू-कश्मीर से दक्षिण भारत की ओर जा रही सेना विशेष ट्रेन के पहियों के नीचे आने से ये सभी डेटोनेटर फटे थे। इससे तेज धमाका हुआ था।
पटरी पर डेटोनेटर रखकर सेना विशेष ट्रेन को रोकने की गंभीर घटना की जांच में रेलवे इंटेलीजेंस, एटीएस, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, आरपीएफ जुट गई हैं। रेलवे के ट्रैकमैन सहित तीन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसियों के सामने बड़ा सवाल यह है कि आखिर ये डेटोनेटर पटरी पर रखने के पीछे उद्देश्य क्या था।
बता दें कि सेना विशेष ट्रेन के आगे जो डेटोनेटर (विशेष पटाखे) फटे, उनका उपयोग तब किया जाता है जब ट्रैक पर मरम्मत चल रही हो, घना कोहरा हो या फिर अन्य किसी आपात स्थिति में ट्रेन को रोकना हो। इन्हें ट्रैक पर रेलवे के ही ट्रैकमैन या गैंगमैन रखते हैं। इनका धमाका बहुत हल्का होता है। इनसे न तो ट्रेन पटरी से उतरती है, न कोई नुकसान होता है। यह लोको पायलट को ट्रेन रोकने के इमरजेंसी संकेत के रूप में उपयोग किए जाते हैं। हालांकि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सभी डेटोनेटर एक्सपायर हो चुके थे।
इति पांडे, प्रबंधक, भुसावल रेल मंडल, सेंट्रल रेलवे ने कहा कि डेटोनेटर एक्सपायर होने की जानकारी मिली है। डेटोनेटर का बाक्स पटरी पर कहां से आया, इन्हें लगाने का उद्देश्य क्या था और इसमें कौन शामिल हैं आदि बिंदुओं पर जांच की जा रही है। डेटोनेटर से ट्रेन डिरेल होने की संभावना नहीं रहती। पेट्रोलिंग और मैदानी अमले से पूछताछ सहित हर संभावना पर गहनता से जांच की जा रही है।
जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही स्पेशल ट्रेन 18 सितंबर को करीब 2.30 बजे गुजरी तो अचानक पटाखों के लगातार ब्लास्ट की आवाज सुनाई दी। इस पर सागफाटा स्टेशन पर लोको पायलट ने स्टेशन मास्टर को मेमो दिया। सागफाटा में वैसे तो यह ट्रेन रुकती नहीं है लेकिन घटना की जानकारी देने के लिए कुछ देर ट्रेन को रोका गया। इसके बाद भुसावल रेलवे स्टेशन मैनेजर को भी शिकायत दर्ज करवाई।
घटना के करीब दो दिन तक रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन मामला उजागर होने के बाद आरपीएफ कमांडेंट भुसावल सहित विभिन्न जांच एजेंसियों ने इसको गंभीरता से लेते हुए शनिवार को घटनास्थल का दौरा किया।
रेलवे सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को मिले इनपुट के आधार पर रेलवे कर्मचारियों से संदेह के आधार पर पूछताछ भी की जा रही है। इस मामले को बेहद संवेदनशील मानते हुए फिलहाल रेलवे व जांच एजेंसी के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
आरपीएफ से लेकर के पीडब्ल्यूआई व स्टेशन मैनेजर सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। मामले में गोपनीय जांच की बात कही जा रही है। कार्रवाई व जांच को पूरी तरह से गुप्त रखा गया। सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल के फोटो वीडियो व जांच के दौरान मिली जानकारी को मीडिया से दूर रखने के सख्त निर्देश रेलवे कर्मचारियों खास तौर से आरपीएफ को दिए गए हैं।