खरगोन(नईदुनिया प्रतिनिधि)।

जिले के बिस्टान थाना क्षेत्र के अनकवाड़ी में 8 जनवरी को कड़कड़ाती ठंड में किसान के घर के बाहर मिली नन्हीं मासूम को 13 दिन बाद जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में उपचार के बाद बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया। गुरुवार को अस्पताल प्रबंधन ने समिति की सदस्यों को सूचना दी। सूचना मिलने पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुधा मोयदे और चाइल्ड लाइन के सदस्य गुरुवार सुबह 9.30 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। यहां सिविल सर्जन डा. दिव्येश वर्मा की मौजूदगी में नन्हीं मासूम को पूरी तरह स्वस्थ होने पर वार्ड के स्टाफ ने समिति सदस्यों को सौंप दिया।करीब 11 बजे तक चली कागजी कार्रवाई के बाद टीम नन्हीं बालिका को लेकर इंदौर के लिए रवाना हुए।

समिति अध्यक्ष सुधा मोयदे ने बताया कि नन्हीं मासूम को खरगोन जिला असपताल से डिस्चार्ज करने के बाद उसे इंदौर शिशु गृह के लिए लेकर रवाना हुए। दोपहर करीब 2.30 बजे समिति पदाधिकारियों और चाइल्ड लाइन के सदस्यों की मौजूदगी में नन्हीं मासूम को शिशु गृह के पदाधिकारियों को सुपूर्त किया गया।मोयदे ने बताया कि आगामी पूरी प्रक्रिया इंदौर शिशु गृह से ही होगी।उन्होंने बताया कि मासूम को लिगल फ्री करने के लिए अब भी कुछ समय ओर इंतजार किया जाएगा।ताकि इस अवधि में उसके स्वयं के स्वजन आते है तो उन्हें बालिका नियमानुसार दी जाएगी।यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद मासूम बालिका को गौद देने की प्रक्रिया शुरु होगी। इसके लिए शासन द्वारा नियम निर्धारित किए गए है। उन्होंने बताया कि अब तक मासूम को गौद लेने के लिए पांच से अधिक दंपति स्थानीय समिति से संपर्क कर चूके है। जिन्हें समिति द्वारा बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया से अवगत कराया गया। इस दौरान स्थानिय बाल कल्याण समिति के राजेश जोशी और चाइल्ड लाइन की रेखा दांगौड़े मौजूद थी।

13 दिनों तक एसएनसीयु स्टाफ ने स्वजन की भाती की देखभाल

बिस्टान थाना क्षेत्र के ग्राम अनकवाड़ी में 8 जनवरी को गांव के किसान परसराम राठौर के घर के बाहर कपकपाती ठंड में सुबह साढ़े पांच बजे मासूम नवजात की किल्कारी सुनाई दी। किसान ने घर के दरवाजा खोलकर देखा तो अज्ञात नवजात मासूम को उनके घर के दरवाजे पर छोड़ गया था।उन्होंने तत्काल स्वजनों के साथ ही पड़ोसियों को बताया। इसे बाद डायल 100 को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही डायल 100 वाहन मौके पर पहुंचा। वाहन में तैनात आरक्षक सुमित शुक्ला ने संबंधित किसान और मौके पर मौजूद नागरिकों से चर्चा कर जानकारी और तत्काल नवजात को डायल 100 वाहन से जिला अस्पताल पहुंचाया।जिला अस्पताल के एसएनसीयु में पदस्थ डा. आशा बड़ोले ने बताया कि नवजात मासूम का वार्ड के चिकित्सकों के साथ ही नर्स और मेडिकल स्टाफ ने स्वजनों की भाती देखरेख की।वार्ड में मौजूद सभी स्टाफ उसे दूलार करता था।

Posted By: Nai Dunia News Network

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