महेश्वर (खरगोन), नईदुनिया न्यूज। मातुश्री अहिल्या बाई का वैभव बहुत बड़ा है। हमें उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को आगे ले जाना है। देवी अहिल्या के किए कार्यों ने हमें देश ही नहीं वरन विदेश में पहचान दिलाई है। देवी अहिल्या जैसी महिलाएं हैं जिन्होंने नारी जाति का मान बढ़ाया है।
यह बात देवी अहिल्याबाई होलकर की 224वीं पुण्यतिथि पर देवीश्री अहिल्या स्मृति सेवा संस्थान द्वारा अहिल्या उत्सव अंतर्गत नजरबाग व्यायामशाला में आयोजित मुख्य समारोह में संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने कही। डॉ. साधौ ने कहा कि महिलाएं सब कुछ कर सकती हैं। यही देवी अहिल्या ने हमें बताया है। नगर पर्यटन के क्षेत्र में आगे बढ़े। यहां पर्यटकों को सुविधा हो ऐसे प्रयास किए जाएंगे। इसी प्रकार प्रदेश स्तर पर दिए जाने वाले देवीश्री अहिल्या समाजसेवा पुरस्कार की राशि को एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख करने की घोषणा भी साधौ ने की।
डॉ. साधौ ने कहा कि इस वर्ष नवंबर में होने वाले निमाड़ उत्सव के मंच से यह पुरस्कार दिया जाएगा। इसी प्रकार उन्होंने 15 करोड़ 66 लाख की लागत से निमाड़ कला केंद्र की स्थापना करने की बात कही। सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए 15 से 16 करोड़ की लागत से बनने वाले ऑडिटोरियम को लेकर कहा कि सांसद गजेंद्र पटेल ने कहा कि खरगोन-बड़वानी संसदीय क्षेत्र की पहचान मां अहिल्या की राजधानी महेश्वर से ही होती है।
राजधर्म व प्रेम के साथ राज्य लंबे समय तक कैसे चलाया जाता है। यह हमें देवीश्री से सीखने को मिलता है। प्रथम वक्ता धुले-महाराष्ट्र के विधायक अनिल अन्ना गोटे ने कहा कि जिस प्रकार महाराष्ट्र में बाबासाहेब आंबेडकर, ज्योति बा फुले के स्मारक बने हैं, उसी प्रकार देवी अहिल्या के स्मारक का बनाने के लिए शासन ने पहल करना चाहिए। नगर परिषद अध्यक्ष अमिता जैन ने भी संबोधित किया।
रंगोली स्पर्धा के प्रतिभागियों को किया पुरस्कृत
गीतकार हरीश दुबे की अहिल्या वंदना मातु अहिल्या देवी है अवतार है के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। संस्थान के जितेंद्र नेगी ने भी विचार रखे। बतौर अतिथि जपं अध्यक्ष आशा वर्मा, मंडलेश्वर नप अध्यक्ष मनीषा शर्मा, करही नप अध्यक्ष आशा वासुरे उपस्थित थी। इस वर्ष का देवी अहिल्या समाजसेवी पुरस्कार धर्मक्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आदिशक्ति धाम की संचालक गीतादास महाराज व राष्ट्रभाषा हिंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पूर्व व्याख्याता फरीदा मोदी को दिया गया। अतिथियों का स्वागत संस्थान अध्यक्ष दिलीप सोनी, सीमा नेगी, संतोष सोलंकी आदि ने किया। संचालन मनोज पाटीदार ने किया। आभार विक्रम पटेल ने माना। मंच से ही रंगोली प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
जूनियर वर्ग में प्रथम कीर्ति केवट, द्वितीय सोनम खेड़े, चारू शर्मा, तृतीय दिव्यांशी गंगराड़े, फलनाज अंसारी, सीनियर वर्ग में प्रथम प्रज्ञा श्रीमाली, द्वितीय रीना पालनपुर, तृतीय रिंगी डींगे को पुरस्कृत किया गया। नर्मदा तट स्थित अहिल्या घाट के समीप बनी देवी अहिल्या के समाधि स्थल पर अतिथियों ने पुष्पांजलि अर्पित की। विद्यार्थियों सहित नागरिक मौजूद थे।
प्रेरणा यात्रा का समापन राजबाड़ा स्थित राजगादी पर पूजन व आरती से हुआ। बस स्टैंड पर देवी अहिल्या की प्रतिमा का पूजन मां नर्मदा संस्कृत पाठशाला के आचार्य पं. दिलीप सोहनी, पं. देवेंद्र शर्मा व बटुकों के सानिध्य में हुआ। वहीं राजगादी पर पूजन विनायक शास्त्री, नरेंद्र रावल आदि ने करवाया।