खरगोन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले में वर्षा के बहते जल को सहेजने के लिए अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। जिले में 22.41 करोड़ की लागत से कुल 110 अमृत सरोवर स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 103 पर कार्य शुरू किया गया है। 18 का कार्य पूर्ण किए जाने का दावा किया जा रहा है, वहीं 44 का कार्य आधा या इससे कम हो पाया है। सामने बारिश का मौसम होने के कारण समयसीमा में यह कार्य पूर्ण किए जाने की चुनौती है।
अमृत सरोवर से जमीन में जल सहेजने के साथ ही मनरेगा के तहत आठ नर्सरी में सात लाख 78 हजार पौधे भी तैयार किए जा रहे हैं। यह पौधे स्व-सहायता समूहों द्वारा मनरेगा के तहत तैयार करवाए जा रहे हैं। वहीं अमृत सरोवरों में 107 करोड़ लीटर पानी सहेजने का लक्ष्य है। यह कार्य 30 जून तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य है। प्रत्येक अमृत सरोवर कम से कम एक हैक्टेयर क्षेत्र में बनाया जा रहा है।
सरोवरों के चारों ओर होगा सघन पौधारोपण
जिला पंचायत सीईओ दिव्यांक सिंह ने बताया कि जिले में कुल 110 अमृत सरोवर स्वीकृत हुए हैं और इनमें से 103 के कार्य प्रगति पर हैं। ये सभी 30 जून तक बनकर तैयार होंगे। ये सरोवर जल संरक्षण के उदारहण बनेंगे। इन अमृत सरोवरों के चारों ओर सघन पौधारोपण भी किया जाएगा। ये सभी सरोवर लगभग एक-एक हेक्टेयर में बन रहे हैं। प्रति अमृत सरोवर की क्षमता 10-10 हजार क्यूबिक मीटर पानी की होगी। इन सरोवरों की कुल लागत 22.41 करोड़ रुपये है। एक अनुमान के अनुसार इन सरोवरों में इतना जल होगा कि सात दिनों तक खरगोन शहर में पानी वितरित किया जा सकता है। मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी श्याम रघुवंशी ने बताया कि गुणवत्तापूर्ण कार्य के लिए लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य पूर्ण किए जाएंगे।
यहां इतने अमृत सरोवर
भगवानपुरा में 20, झिरन्या में 19, कसरावद और बड़वाह में 16-16, खरगोन में 12, भीकनगांव और सेगांव में 8-8, गोगांवा में पांच व महेश्वर में दो, इस तरह से कुल 103 अमृत सरोवरों का काम चल रहा है।
इस तरह है अब तक की प्रगति
कुल स्वीकृत अमृत सरोवर- 110
कुल लागत- 22.41 करोड़ रुपये
काम शुरू हुआ-103
25 प्रतिशत कार्य- 06
25 से 50 प्रतिशत कार्य- 38
50 से 75 प्रतिशत कार्य- 35
75 से 100 प्रतिशत कार्य-06
कार्य पूर्ण - 18