सनावद (नईदुनिया न्यूज)। बिंजलवाड़ा-भीकनगांव माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। परियोजना में अनावश्यक विलंब और घटिया निर्माण के कारण क्षेत्र के किसानों में आक्रोश पनप रहा है। किसान परियोजना को पूरा करने के लिए पहले भी आंदोलन कर चुके हैं। इस बार फिर किसानों ने अपना आक्रोश जाहिर किया है। किसान कमलचंद पटेल, तिलोकचंद पटेल, राधेश्याम पटेल, सरपंच श्रीचंद पटेल ने बताया कि परियोजना की नहरों, पंप हाउस और पाइप लाइन स्थापना के कार्यों में घटिया निर्माण अलग ही दिखाई देता है। लेकिन परियोजना निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं।
उल्लेखनीय है कि परियोजना के विलंब और घटिया निर्माण के विरोध में ग्रामीणों ने कई बार विरोध प्रदर्शन किया। लेकिन न तो परियोजना के काम में तेजी लाई जा रही है और न ही गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जा रहा है। सनावद-हीरापुर रोड के समीप नहर के किनारे बन रहे परियोजना के पंप हाउस क्रमांक दो पर हीरापुर, दसोड़ा, बिंजलवाड़ा, बालिया, गुमठी, जिरावट, सगड़ियांव के किसान विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। किसानों ने बताया कि बिंजलवाड़ा क्षेत्र की कृषि भूमि पथरीली है। इस कारण फसलों की सिंचाई के लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। किसान बड़े परिश्रम से कपास और मिर्च की फसल बोते हैं। महंगे दरों पर बीज और उर्वरक खरीदकर फसल लगाते हैं। लेकिन समय पर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने के कारण उपज की लागत भी नहीं निकल पा रही है।
692 करोड़ रुपये की है परियोजना
किसानों ने बताया कि खेतों तक पानी ले जाने के लिए पाइप लाइन के गड्ढे तो खोद दिए गए हैं, लेकिन पाइप कब तक डलेंगे यह कोई नहीं जानता। किसानों ने कहा कि परियोजना के निर्माण में अनावश्यक विलंब किया जा रहा है। परियोजना में विलंब के कारण इस कारण क्षेत्र के 129 ग्रामों के किसान सिंचाई और पेयजल का संकट झेल रहे हैं। क्षेत्र में मूक पशुओं को तपती गर्मी में बड़ी कठिनाई से पेयजल उपलब्ध किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बिंजलवाड़ा-भीकनगांव माइक्रो लिफ्ट परियोजना की लागत 692 करोड़ रुपये है। यह परियोजना वर्ष 2018 में प्रारंभ की गई थी और इसे वर्ष 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य था। लेकिन वर्ष 2022 के तीन माह बीत जाने के बावजूद निर्माण कार्य गतिहीन है। किसान इसके विरोध में आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं।
लेटलतीफी पर होगी कार्रवाई
इस मामले में परियोजन के जीएम अमित्वा घोष से बात करने की कोशीश की गई। परंतु उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के कार्यपालन यंत्री बीएस मंडलोई ने बताया कि विभाग से ठेकेदार को पत्राचार कर जल्दी कार्य करने के लिए कहा जा रहा है। जबकि मुख्य अभियंता एमएस अजनारे ने कहा कि ठेकेदार के खिलाफ लेटलतीफी पर कार्रवाई की जाएगी।