खरगोन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। एक जिला एक उत्पाद को लेकर जिले में प्रयास किए जा रहे हैं। बुधवार को इसके लिए जिला स्तरीय बैठक हुई। बैठक में कपास और मिर्च के उत्पाद को बढ़ाने के लिए बात की गई। जिले में फिलहाल दो फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) बनाने के लिए योजना तय की गई। इनमें खरगोन में मिर्च और कसरावद में कपास के लिए एफपीओ बनाए जाएंगे। यह एफपीओ जैविक पद्धति से कपास उत्पादन करेंगे।
बुधवार को स्वामी विवेकानंद सभागृह में हुई बैठक में कलेक्टर अनुग्रहा पी. ने कहा कि जैविक कपास उत्पादक किसानों को जैविक उत्पाद जैसे वर्मी कम्पोस्ट, नीम ऑइल, नीम खली स्वयं तैयार करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। वर्तमान में जिन कपास उत्पादक किसानों को ज्यादा फायदा न हो रहा है, ऐसे किसानों का एफपीओ में चयन करें। संबंधित एफपीओ के प्रतिनिधि प्रतिदिन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ गौरव बेनल, कृषि उप संचालक एमएल चौहान, उद्यानिकी उप संचालक एमएस मुजाल्दा, आत्मा परियोजना संचालक केके पांडे, नाबार्ड के रवि मोरे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
300 से अधिक किसान होंगे शामिल
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अच्छी गुणवत्ता की अर्ली हाइब्रिड मिर्च की किस्मों का चयन करें, जो कलरलेस व पंजेंसी की गुणवत्ता बनाए रखे। साथ ही ग्रीन चिली पेस्ट, जिसका मार्केट में अच्छी मांग है, इस तरह की किस्मों का चयन कर किसानों को उपलब्ध कराएं। उपसंचालक कृषि चौहान ने बताया कि फिलहाल खरगोन में मिर्च व कसरावद में कपास के लिए एफपीओ बनाए जाएंगे। इसके लिए एफपीओ में 300 से अधिक सदस्य होंगे। स्माल फार्मस एग्री बिजनेस कंसोटियम नई दिल्ली ने कृषि विकास एवं प्रसंस्करण संस्थान मालनपुर महाराष्ट्र को इसके लिए निर्धारित किया है। यह संस्था एफपीओ को लेकर कार्रवाई करेगी। एफपीओ से संबंधित जानकारी के लिए जिला स्तर पर भी एक कमेटी बनाई गई है। उल्लेखनीय है कि जिले में करीब 2 लाख 10 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल बोई गई थी। वहीं मिर्च का रकबा भी 50 हजार हेक्टेयर से अधिक है।