Ganeshotsav 2021: सनावद। नईदुनिया प्रतिनिधि। 10 दिवसीय गणेशोत्सव की धूम इन दिनों नगर में देखने को मिल रही है। जहां मंदिर के साथ सार्वजनिक स्थल पर श्रद्धालु भगवान गणेश की स्तुति करते नजर आ रहे हैं। लेकिन क्षेत्र में एक ऐसा मंदिर है। जिसका पौराणिक महत्व है। यह प्राचीन सिद्धिविनायक है। मान्यता है कि यह नगर में श्रद्धालुओं के दुख दर्द को दूर करते हैं। प्रथम पूज्य भगवान गणेश की महिमा का बखान हर कोई करता है।
पोस्ट आफिस के पास स्थित प्राचीन गणेश मंदिर का भी अलग ही इतिहास है। मंदिर के बारे में किंदवंती है कि नगर की बसाहट के समय इस प्रतिमा को इस स्थान पर रख पत्थरनुमा वस्तु देखी गई थी। तब उस समय के मौजूद नागरिकों ने जानकारों से पूछताछ की। तो उनके द्वारा बताया गया कि यह प्रसिद्ध चमत्कारिक मूर्ति भगवान गणेश की है। यहां घी के साथ सिंदूर अर्पित करने की मान्यता है।
तभी से यहां पर सिंदूर के साथ घी लगाकर इस प्रतिमा को गणेश की आकृति दिखाई दी। सैकड़ों वर्ष बीत जाने के बाद भी यह मंदिर क्षेत्र में अपनी प्रसिद्धि की छाप छोड़ गया। गणेशोत्सव के दौरान प्रतिदिन संध्या में भजन संध्या और महाआरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर सिद्धि विनायक की स्तुति कर रहे हैं।
21 वर्षों से हो रही है बुधवार को आरती
मंदिर के गणपति भक्त मंडल की स्थापना के बाद से मंदिर में 21 वर्षों से निरंतर हर बुधवार आरती का आयोजन किया जाता है। जिसमें भगवान को आरती के बाद मोदक का भोग लगाकर श्रद्धालु अपनी सामर्थ्य से पूजन करते हैं। पौराणिक ग्रंथों में भगवान गणेश के परिवार में दो पत्नी पुत्र और पुत्री का संपूर्ण परिवार है।
वहीं गणपति भक्त मंडल के गठन के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य यहां पर रिद्धि-सिद्धि की स्थापना का करवाई गई। जो सन 2001 में तीन दिवसीय आयोजन के तहत संपन्ना हुआ। जिसमें माता रिद्धि-सिद्धि की स्थापना की गई। मंदिर के पूजारी राजेन्द्र व्यास के निर्देशन में गणपति भक्त मंडल के सेवादार युवराज शर्मा, विवेक विद्यार्थी, रवि पाटील, भारत कौशल, राहुल इंगला, गोलू व्यास, विशाल चतुर्वेदी, प्रदीप मालाकार, अनमोल व्यास, विशाल चौहान, ताराचंद बर्फा, रवीं प्रजापत सहित अन्य सेवादार गणेशोत्सव के दौरान विशेष सेवा देते हैं।