खरगोन(नईदुनिया प्रतिनिधि)।
जिस तरह चारों और पानी से घिरी नाव में यदि पानी भर जाए तो वह डूब जाती है, उसी तरह जीवन संसार रुपी नाव में यदि काम, वासना, छल, कपट, क्रोध, अहंकार समा जाए तो जीवन रुपी नैया डूबी ही समझो। भव सागर पार करना है तो संसार रुपी नैया के खिवैया केवल आपके पुण्यकर्म है। राम कृष्ण, ठाकुरजी, शिव, विष्णु, माता किसी भी रुप को पूजो, पर पुजो जरुर, किसी भी देवता का अपमान मत करो। उक्त उद्गार जयप्रकाश पाठक स्मृति सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीवैष्णव शिवमहापुराण कथा के छठें दिन मंगलवार को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिवमहापुराण कथा के दौरान व्यक्त किए।
कथा के दौरान गीता जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि गीता, रामायण, शिवपुराण, विष्णुपुराण या घर में कोई भी धार्मिक ग्रंथ हो उसकी कंकू, चावल, फल फूल आदि से पूजा करने से काम नहीं चलेगा, इन ग्रंथों का लाभ परिवार और समाज को तभी मिलेगा जब उसे पढ़ा जाएगा। धार्मिक ग्रंथ लाल पीले वस्त्र में बांधकर अलमारियों में रखने के लिए नहीं है। सनातन धर्म में कई तरह की भक्ति है, लेकिन श्रवण भक्ति में जो बल है वह किसी और भक्ति में नहीं। इस भक्ति के बल से परमात्मा को पाया जा सकता है। कई लोगों को कोरोना में लाखों रुपए की अटैची भरकर ले जाने के बाद भी पलंग नहीं मिला, उनकी पहचान, उनका धन, प्रतिष्ठा काम नहीं आए, जबकि कई लोगों के पुण्य, सद्कर्म आडे आए और वह घर पर ही ठीक हो गए तो किसी को बीमारी छू भी नहीं पाई। मंगलवार को भगवान गणेश के चरित्र का मनोहारी वर्णन श्रद्धालुओं को सुनाया। कुबेर का अहंकार तोड़कर भगवान गणेश प्रथम पुज्य कहलाएं। जिस जीव ने जीवन पाया है, उसकी मृत्यु निश्चित है।
12 ज्योतिर्लिंग कथा के साथ आज होगा समापन
सेवा समिति के तुषार पाठक ने बताया सात दिवसीय शिव महापुराण कथा को 15 दिसंबर को विराम दिया जाएगा। शहर की जनता एवं आयोजन में जुटे समिति के सदस्यों के सहयोग समर्पण और परिश्रम से यह पूरा आयोजन अपने लक्ष्य की ऊंचाईयों को छू पाया। 12 ज्योतिर्लिंग कथा के साथ इस आयोजन को विराम दिया जाएगा।मंगलवार को पूर्व कृषि राज्यमंत्री बालकृष्ण पाटीदार, पूर्व विधायक बाबूलाल महाजन, पूर्व जिपं अध्यक्ष जगदीश पटेल, पूर्व विधायक रायसिंह राठौर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं लोकसभा प्रत्याशी रहे डा. गोविंद मुजाल्दा आदि भाजपा कांग्रेस नेताओं ने कथाश्रवण करने के साथ समापन पर आरती में सहभागिता की।