पश्चिम के धन और भारत के अध्यात्म का मिलन है इस्कान
खरगोन (नईदुनिया प्रतिनि;घिळर्-ऊि्झ।)। शहर से करीब छह किमी दूर ग्राम राजपुर में नवनिर्मित इस्कान मंदिर
By Nai Dunia News Network
Edited By: Nai Dunia News Network
Publish Date: Sat, 19 Feb 2022 11:50:36 PM (IST)
Updated Date: Sat, 19 Feb 2022 11:50:36 PM (IST)

खरगोन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर से करीब छह किमी दूर ग्राम राजपुर में नवनिर्मित इस्कान मंदिर का दो दिवसीय शुभारंभ उत्सव शनिवार से शुरू हुआ। पहले दिन मंदिर के गुंबद पर कलश स्थापना के साथ-साथ सुदर्शन चक्र व गुरु प्रतिमा की स्थापना भी की गई। साथ ही हवन का आयोजन किया गया। इस दौरान मंदिर के डा. श्यामसुंदर महाजन ने बताया कि लोगों को धर्म-अध्यात्म से जोड़ने के लिए और कृष्ण भक्ति का प्रसार करने के उद्देश्य से मंदिर बनाया गया है। वहीं श्रीकृष्ण चैतन्य स्वामी ने कहा कि पश्चिम में धन की अधिकता रही है और भारत में अध्यात्म व ज्ञान का भंडार है और इन दोनों के मिलन का नाम इस्कान है।
डा. महाजन ने बताया कि इस्कान संस्थापकाचार्य श्रीमद् कृष्णकृपामृर्ति श्रील प्रभूपाद की कृपा से मंदिर में श्री गौरश्रीराधा गोपीनाथ मंदिर का शुभारंभ किया जा रहा है। इसके तहत दूसरे दिन रविवार को महाभिषेक, प्रथम दर्शन, आरती, महाप्रसादी व कीर्तन होंगे। आयोजन इस्कान वृंदावन पुजारी मुकुंद प्रभूजी के सानिध्य में किए जा रहे हैं। यहां राधा-कृष्ण के साथ चैतन्य महाप्रभू की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है।
कृष्ण भक्ति खींच लाई भारत तक
कार्यक्रम में शामिल होने अमेरिका से आई युवती से जब उनका नाम पुछा गया तो उन्होंने अपना नाम सीता बताया। भारतीय परिधान पहनकर आयोजन में शामिल सीता ने बताया कि वे एक माह के लिए भारत आई हैं और मुख्य रूप से कृष्ण भक्ति ने उन्हें भारत आने के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय लोग, भोजन व परिधान बहुत पंसद आए हैं।