खरगोन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना महामारी ने हम सबको कहीं न कहीं मेहनत का महत्व समझाया है। खरगोन में पथोरा के इंजीनियर किसान ने खेती को नई दिशा देने में बड़ी भागीदारी निभाई है। उनके द्वारा जैविक खेती से उत्पादित गेहूं दुबई तक भेजा जा रहा है।
पथोरा के 29 वर्षीय सुधीर पटेल ने कम्प्यूटर में इंजीनियरिंग करने के बाद इसी ब्रांच में एमटेक किया। जब रोजगार की बात आई, तो सुधीर ने पुश्तैनी खेती को तकनीक व नए प्रयोग के तौर पर चुना और इसे ही रोजगार बना लिया। सुधीर ने 28 एकड़ की पुश्तैनी खेती में से 18 एकड़ में पूर्णतः जैविक खेती शुरू की। साथ ही मप्र राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था भोपाल (मप्र सोका) द्वारा प्रमाणित भी कराया। सुधीर अब खरीफ और रबी मौसम में 30 से 35 प्रकार जैविक फसलें ले रहे हैं। उनकी यह तकनीक व कोशिश रंग लाई है और वे अब दुबई तक जैविक देशी बंशी गेहूं पहुंचाने में भी कामयाब हुए हैं।
फसल आने से पहले ही आनलाइन लग जाती है बोली
सुधीर बताते है कि वे उपज की मार्केटिंग के लिए तकनीक का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। इसके लिए उन्होने फेसबुक पर पेज और ट्विटर पर अकाउंट और गुगल माय बिजनेस पर भी एक वेबपेज बनाया है। इसी के सहारे वे अपनी उपज को देश और दुनिया के सामने ला सके हैं। आज उनके खेत में उपज आने से पहले ही आनलाइन और सोशल मीडिया पर आर्डर के साथ उपज की बुकिंग शुरू हो जाती है। वे अपने खेतों में उपजी फसलों को 19 राज्यों सहित निमाड़ी बंशी गेहूं को दुबई तक पहुंचाने में कामयाब हो रहे हैं।
छिंदवाड़ा के एक ग्राहक ने सुधीर से दुबई में बंशी गेहूं पहुचाने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने केरल के कोडुनगल्लुर में एक फर्म के सहारे दुबई सात क्विंटल गेहूं 49 हजार रुपये में पहुंचाया। इसके अलावा यूएसए से भी आर्डर मिलने लगे हैं, वहीं अरेबियन देशों में तो काबुली चना और देशी मक्का की खूब मांग भी है, मगर वे देने में असमर्थ हैं। रसचूसक कीटों पर नियंत्रण के लिए मिट्टी के घोल का छिड़काव करने लगे और सफल भी हुए हैं। सुधीर जैविक खेती के तौर-तरीकों के हर दिन वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट करते हैं। वे खेती की तैयारी होने से लेकर बुवाई और फिर उसके फल अनाज और फसल की ग्रोथ के वीडियो व फोटो लगातार इंटरनेट मीडिया पर लगातार पोस्ट करते हैं।
Posted By: Nai Dunia News Network