खरगोन(नईदुनिया प्रतिनिधि)।
सड़क पर जीवनयापन करने वाले बच्चों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने अब उनको बाल कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसके लिए स्ट्रीट चिल्ड्रन सर्वे किया जा रहा है। ज्ञात हो कि गत दिनों मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि धार्मिक-पर्यटन नगरों में बाल भिक्षावृत्ति पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। इस पर जिले की हकिकत को बयान करते हुए गत 17 फरवरी को नईदुनिया ने 'धार्मिक-पर्यटन नगरी में मेहमानों के सामने ना फैले नौनिहालों के हाथ' समाचार प्रमुखता से प्रकाशित कर जिम्मेदारों का ध्यान जिले में धार्मिक नगरी घोषित महेश्वर-मंडलेश्वर में बच्चों के भिक्षावृत्ति में संलिप्त होने की जानकारी दी थी।
नईदुनिया में खबर प्रकाशन के बाद जिम्मेदार हरकत में आए हैं। जिले में स्ट्रीट चिल्ड्रन का सर्वे शुरू किया गया है। इस कार्य के लिए बनाई गई टीम में महिला व बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रत्ना शर्मा, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सुधा मोयदे, काउंसलर एकता जायसवाल व चाइल्डलाइन सदस्य दीपक भामरे चिंहित बच्चों के घर पहुंच रहे हैं। मोयदे ने बताया चिंहित बच्चों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले, वह स्कूल जाकर पढ़ें व आगे बढ़ें, इसके लिए अभिभावकों के साथ ही बच्चों की काउंसलिंग कर उन्हें मदद का भरोसा दिलाया जा रहा है।
किसको माना स्ट्रीट चिल्ड्रन
माता-पिता या अभिभावक के बिना सड़क पर अल्प अवधि के लिए रहने वाले बालक-बालिका जो शाम को अपने माता-पिता या अभिभावक के पास लौट जाते हैं। इसके साथ ही सड़क, बस स्टैंड, रेल्वे स्टेशन, फ्लाई ओवर के नीचे बिना माता-पिता या अभिभावक के रहने वाले बालक-बालिका, बेघर, परित्यक्ता, गुमशुदा, भीख मांगने वाले, कचरा बिनने वाले, फुटकर में सामान बेचने, कार्य करने, करतब दिखाने वाले, सड़क पर नशा करने वाले, सड़क के समीप अनैतिक कार्यों में संलिप्त बालक-बालिका को स्ट्रीट चिल्ड्रन की श्रेणी में शामिल किया गया है।