खरगोन (नईदुनिया प्रतिनिधि)। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर प्रदेश सरकार के साथ ही जिला प्रशासन भी अलर्ट पर है। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा अस्पतालों की व्यवस्थाओं को दूरस्त करने और सरकार द्वारा दिए गए आक्सीजन प्लांट की स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने अस्पतालों का निरीक्षण शुरु कर दिया। बुधवार को कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम मिलिंद ढोके, सीएचएमओ डीएस चौहान और सिविल सर्जन डा. दिव्येश वर्मा जिला अस्पताल में पहुंचे। उन्होंने जिला अस्पताल में स्थित दोनों आक्सीजन प्लांट को देखा।दोनों आक्सीजन प्लांट चालू हालत में मिले।जल्द ही जिले में संचालित आक्सीजन प्लांटों की ओके रिपोर्ट केंद्र और राज्य शासन को भेजी जाना है। जो प्लांट शुरू नहीं हो पाए हैं, उनकी तकनीकी समस्या को दूर जल्द शुरु करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
आक्सीजन प्लांट को लेकर एनएचएम की सब इंजीनियर ममता बड़ोले ने बताया कि जिला अस्पताल में पीए केयर फंड 1 हजार और अजीम प्रेमजी फांडेशन द्वारा 250 एलएमपी क्षमता के आक्सीजन प्लांट लगाए है। दोनों प्लांट चालू। प्लांट में क्षमता के अनुसार आक्सीजन स्टोर की जा रही है। आर्य ने बताया कि मेडिकल उपयोग में आने वाली आक्सीजन की शुद्धता 92 प्रतिशत होनी चाहिए। जिला अस्पताल में लगे प्लांट में 94.2 प्रतिशत शुद्धता वाली आक्सीजन मरीजों के उपयोग के लिए स्टोर की जा रही है।उन्होंने बताया कि फिलहाल प्लांट की टेस्टिंग प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।प्लांट से संबंधित कुछ रिपोर्ट आना बाकि है।जो जल्द ही प्राप्त हो जाएगी।
आठ दिन में शुरू हो जाएगा सनावद का प्लांट
जिले में बड़वाह, कसरावद, महेश्वर और सनावद अस्पताल में भी आक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं, जिसमें सनावद अस्पताल को छोड़कर शेष तीनों स्थानों पर आक्सीजन प्लांट चल रहे हैं। आर्य ने बताया कि सनावद अस्पताल में 200 एलएमपी क्षमता का प्लांट का इंस्टालेशन किया जा रहा है। विद्युत संबंधित कार्य होना शेष है जो आगामी आठ दिनों में पूर्ण कर प्लांट शुरु किया जाएगा। जिला अस्पताल में 12 बेड के बन रहे बच्चों के आइसीयू का काम पिछले पांच दिनों से बंद है। सिविल सर्जन डा. वर्मा ने बताया कि संबंधित एजेंसी की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को की गई है। निर्माण एजेंसी की लेटलतीफी के कारण निर्धारित समय में आइसीयू का काम पूर्ण नहीं हो पा रहा है।
लिक्विट आक्सीजन का भी बनेगा प्लांट
सब इंजीनियर बड़ोले ने बताया कि जिला अस्पताल में मेडिकल आक्सीजन के दो प्लांटों के साथ ही लिक्विट आक्सीजन का भी प्लांट तैयार किया जाएगा। इसके लिए स्थान का चयन हो गया है। आगामी दिनों में लेआउट डालकर कार्य शुरू कराया जाएगा।ताकि कोरोना संक्रमण के दौरान पर्याप्त मात्रा में मरीजों को आक्सीजन उपलब्ध हो सके। लिक्विट आक्सीजन की प्लांट की क्षमता 6 केएल रहेगी। इसकी स्वीकृति भी मिल चुकी है।