बांगरदा(नईदुनिया प्रतिनिधि)।
समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी एवं बहादुरी सफल जीवन के सबसे महत्वपूर्ण गुण है। समाज में शिक्षा, धन एवं बल की अभिवृद्धि के बाद भी पतन-पराभव की विषम परिस्थितियां चिंतन का विषय है। ज्ञान का नियोजन सृजन में, धन का नियोजन लोक कल्याण में एवं शक्ति का नियोजन सेवा कार्यो में करके ही हमारे वेद-शास्त्रों के अनुरूप आदर्श समाज की स्थापना की जा सकती है। यह विचार संगीतमय भागवत कथा के समापन अवसर पर कथा वाचक यग्नेश्वरी देवी ने व्यक्त किए। श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि अंतरआत्मा हमारी सबसे अच्छी मित्र है, जो सत्कर्म करने पर हमसे प्रसन्ना रहती है एवं दुष्कर्म करने पर हमें कचोटती है। सच्चे मित्र के हृदय में हमेशा प्रेम व आत्मीयता की अविरल पावन धारा प्रवाहित होती रहती है, जो ऊंच-नीच, अमीरी-गरीबी, भेद-भाव से ऊपर उठकर केवल मित्र के अंतःकरण की भावनाओं को समझ जाती है।ईश्वर का आंतरिक स्वरुप साकार रूप में है। जिसका भक्ति भावना से हम एहसास करते है। ईश्वर का बाह्य स्वरुप प्रकृति एवं समाज के रूप में है, जिनकी नित्य सेवा का हमें संकल्प लेना चाहिए। कथा के शुभारंभ अवसर पर यजमान ओमप्रकाश मालाकार द्वारा सपत्निक भागवत कथा के पूजन किया गया। संगीत टोली द्वारा भक्ति भाव से परिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए गए। संगीतमय भजनों पर भावविभोर होकर श्रद्धालु जमकर थिरके। कथा के समापन की पूर्व संध्या के अवसर पर कथा स्थल पर काव्य संध्या के आयोजन में बड़ी संख्या में श्रोताजन देर रात तक उपस्थित रहे। अंत में महाप्रसादी का वितरण किया गया।
भागवत कथा समापन की पूर्व संध्या को काव्य गोष्ठी का आयोजन
संगीतमय भागवत कथा के समापन की पूर्व संध्या के उपलक्ष्य में कथा स्थल पर कृष्णपाल सिंह राजपूत के संचालन में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। उनके द्वारा संस्कारों पर आधारित कविता पाठ किया गया। डा.अतुल तंबोली बेड़िया, हास्य कवि जितेंद्र यादव बरसलाय, कवि पंकज चौपड़ा, कल्याणी कानूनगो सनावद द्वारा भक्ति रस में काव्य पाठ किया।
टोल नाका हुआ बंद, वाहन चालकों ने ली राहत की सांस
29केएचआर-07- गोगावां सुरपाला टोल नाका बंद होते ही ठेकेदार के कर्मचारी सामग्री निकालते व सेतु निगम के कर्मचारी मौजूद थे।
गोगावां। ब्रिज सेतु मध्य प्रदेश शासन द्वारा संचालित खरगोन-सनावद मार्ग के सुरपाला ब्रिज के टोल बेरियर की लागत के साथ ही अवधि समाप्त होने पर बेरियर सोमवार को सुबह छह बजे से बंद हो गया। ठेकेदार विमलासिंह ठाकुर और टोल नाके के इंचार्ज मैनेजर राजेंद्र यादव, अशोक पटेल ने बताया कि यह ठेका 31 अगस्त को ही समाप्त होने वाला था। कोरोना काल के चलते नाका बंद होने से ब्रिज सेतु निगम ने इसे तीन माह के लिए आगे बढ़ाकर इसकी खानापूर्ति की गई थी। जिसकी अवधी सोमवार को समाप्त होगई है। वही इस मार्ग से गुजरने वाले चार पहिया वाहन चालकों ने भी टोल नाके के बंद होने से राहत की सांस ली है। उधर टोल बंद होते ही यहां नाके पर लगी समस्त उपयोग में आने वाली सामग्री को नाकेदार ने आज ब्रिज सेतु के कर्मचारियों के सुपुर्द कर दी गई है। इस अवसर पर नाके का स्टाफ भी मौजूद था।