विश्व का प्रथम आदि शिवलिंग है मंडलेश्वर के गुप्तेश्वर मंदिर में
मंडलेश्वर में गुप्तेश्वर महादेव प्राचीन गुफा मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है।
By Prashant Pandey
Edited By: Prashant Pandey
Publish Date: Mon, 02 Aug 2021 09:01:04 AM (IST)
Updated Date: Mon, 02 Aug 2021 10:06:21 AM (IST)

चैतन्य पटवारी, मंडलेश्वर। कसरावद मार्ग पर नगर का सबसे प्राचीन शिवालय गुप्तेश्वर महादेव सनातन काल से विराजमान है। गुप्तेश्वर महादेव प्राचीन गुफा मंदिर के गर्भगृह में स्थापित है। इतिहासकार दुर्गेश राजदीप ने बताया कि पुराणों में उल्लेख है कि एक ऋषि के श्राप के कारण एक शिव पिंडी यहां गिरी थी, जिसे देवी पार्वती ने संभाला था। यही शिव पिंडी गुप्तेश्वर महादेव के रूप में विराजित है। इसे विश्व का प्रथम आदि शिवलिंग भी कहा जाता है।
विशेषता : यहां शिवलिंग पर नर्मदा की धारा निरंतर गिरती रहती थी। कालांतर में जमीन के अंदर होने वाले परिवर्तन के चलते यह नर्मदा की धारा बंद हो गई। गुप्तेश्वर मंदिर आदिगुरु शंकराचार्य के परकाया प्रवेश के कारण चर्चा में आया। इसका उल्लेख स्वयं आदिगुरु ने अपने ग्रंथ शंकर दिग्विजय में किया। उल्लेखनीय है कि आदिगुरु शंकराचार्य व मंडन मिश्र का शास्त्रार्थ गुप्तेश्वर मंदिर परिसर में हुआ था। जब मंडन मिश्र इस शास्त्रार्थ में हार गए थे तब उनकी पत्नी विदुषी भारतीदेवी ने शंकराचार्य को शास्त्रार्थ की चुनौती दी।
बाल्यकाल से ब्रह्मचारी आदिगुरु, भारती देवी के काम आधारित प्रश्नों का उत्तर नहीं दे पाए। तब उन्होंने भारती देवी से छह माह का समय मांगा। योग विद्या के बल पर परकाया प्रवेश किया। तब उनकी स्थूल देह को गुप्तेश्वर मंदिर में सुरक्षित रखा गया। आदिगुरु ने अयोध्या के तत्कालीन राजा अमरक के देह में प्रवेश कर गृहस्थ जीवन व काम संबंधी ज्ञान लेकर भारती देवी के प्रश्नों के उत्तर जाने। छह माह पश्चात अपनी देह से सजीव होकर भारती देवी के प्रश्नों का उत्तर दिया।
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