
Mandla News : निवास, नईदुनिया प्रतिनिधि। निवास की आम जनता की गाढ़ी के करोड़ों रुपयों की हेराफेरी करने वाले आरोपित बैंक कैशियर को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा अपर सत्र न्यायालय निवास द्वारा सुनाई गई है। थाना निवास के अंतर्गत प्रकरण के आरोपित संजय उपाध्याय पिता संतकुमार उपाध्याय उम्र 59 वर्ष निवासी हनुमानजी वार्ड महाराजपुर मंडला द्वारा वर्ष 2006 से 2011 तक बैंक में कैशियर के पद पर रहते हुए आम जनता द्वारा जमा की जाने वाली राशि में से करोड़ों रुपयों की हेराफेरी करने के मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायालय निवास ने यह निर्णय दिया।
जानकारी के अनुसार नर्मदा ग्रामीण बैंक मंडला शाखा बबलिया,तहसील निवास के खातेदार भूपेन्द्र कुमार,भागवत सिंह तथा अन्य की शिकायत की जांच नरेश शुक्ला क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा जांच अधिकारी राजकुमार तनेजा सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक मंडला द्वारा किए जाने पर शाखा में पदस्थ पूर्व कैशियर लिपिक संजय उपाध्याय,पूर्व शाखा प्रबंधक प्रमोद शुक्ला,रमेशचंद्र सोनी तथा अन्य बैंक कर्मचारी द्वारा एक राय होकर खातेदारों की जमा राशि को गबन किया जाना तथा बैंक के अभिलेखों में कूटरचना की जाना पाई गई। घटना की सूचना 17 नवंबर 2011को नरेश शुक्ला क्षेत्रीय प्रबंधक द्वारा आरक्षी केंद्र निवास को दी गई। सूचना के आधार पर एफआइआर धारा 420, 406, 467, 468, 471, 409 भादंवि सहपठित धारा 34 लेखबद्ध की गई।
विवेचना के दौरान सतपुड़ा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शाखा बबलिया में खातेदारों की जमा राशि के हेराफेरी धोखाधड़ी अमानत में खयानत किए जाने के संबंध में जांच पर विभिन्न खातेदारों के रिकार्ड पासबुक, जमा पर्ची,रोकड़ बही, स्क्राल रजिस्टर, स्थानांतरण आदेश,हस्तलिपि एवं ग्राम पंचायतों मप्र आजीविका परियोजना, माइक्रो वाटर सेट के खातों की राशि में हेराफेरी एवं गबन के जांच प्रतिवेदन जप्ती किए किए गए एवं खाताधारकों के बयान दर्ज किए गए।तत्पश्चात 2006 से 2011 तक अपराध घटित होना पाए जाने से उक्त अवधि में पदस्थ अधिकारियों,शाखा प्रबंधकों को आरोपित बनाकर प्रकरण में धारा 120बी भादंसं जोड़कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया।जिसकी सुनवाई के दौरान न्यायालय के सामने 101 खाताधारकों के कुल 1,29,00,605.00 (एक करोड़ उनतीस लाख छः सौ पांच रुपये) का गबन रिकार्ड पर आया।
विचारण के दौरान न्यायालय में आए साक्ष्य पर विचार करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार लढ़िया ने आरोपित संजय उपाध्याय को दोषी पाते हुए धारा 409 भादंवि में 10 वर्ष, 420 भादंवि में 7 वर्ष, 467 भादंवि में 10 वर्ष, 468 भादंवि में 7 वर्ष, 471 भादंवि में 7 वर्ष सश्रम कारावास एवं सभी धाराओं में 5000-5000 रु० कुल 25000.00 रु० अर्थदंड से दंडित करते हुए शेष आरोपितों को दोषमुक्त किया गया। मामले में पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी निवास,उज्ज्वला उईके द्वारा की गई।